भोपाल, 25 नवम्बर (हि.स.)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और पार्टी के बीच चल रहा घमासान अब जगजाहिर होने लगा है। विधानसभा चुनाव के बाद सिंधिया के मुख्यमंत्री बनने और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष बनने को लेकर अब तक सियासी ड्रामा चलता रहा। इस दौरान विभिन्न मौकों पर सिंधिया की कांग्रेस और प्रदेश सरकार के खिलाफ नाराजगी देखने को मिली। लेकिन सोमवार को सिंधिया ने जो किया उससे प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक हड़कम्प मच गया।
लंबे समय से खामोश चल रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुप्पी तोड़ दी है। सोमवार को सिंधिया ने अपने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से पार्टी का नाम हटा दिया है। सिंधिया ने ट्विटर प्रोफाइल पर खुद को समाज सेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इससे पहले सिंधिया ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद अपने पद में बदलाव किया था। सिंधिया ने ट्विटर प्रोफाइल पर कांग्रेस महासचिव, 2002-2019 तक गुना लोकसभा सीट से सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री लिखा था। लेकिन अब उन्होंने इसे भी हटाकर खुद को समाज सेवक और क्रिक्रेट प्रेमी लिख दिया है। सिंधिया ने अपनी नई प्रोफाइल में कांग्रेस का कोई जिक्र नहीं किया है। सिंधिया के इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कम्प मच गया है। इसे सिंधिया की लंबे समय से पार्टी से चल रही नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि खुले तौर पर सिंधिया ने इसे स्वीकार नही किया है।
लंबे समय से खाली मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपने की मांग की जाती रही है। बीते दिनों ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा ज्वॉइन करने की अटकलें जोरों पर थी। हालांकि उन्होंने मीडिया से बात करते हुए इस बात को खारिज कर दिया था। लेकिन अब अपने सोशल मीडिया एकाउंट से नाम हटाकर सिंधिया ने एक बार फिर सियासी गलियारों में हड़कम्प मचा दिया है।