मप्र कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में सिंधिया सबसे आगे

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लोकसभा में करारी हार के बाद से जिस तरह से कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने को लेकर अड़े हुए हैं और उनका जो पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश है, एक व्‍यक्‍ति-एक पद। इसे देखते हुए मध्‍य प्रदेश में भी तत्‍काल प्रभाव से कांग्रेस अध्‍यक्ष का चुनाव किया जाना है।



भोपाल, 01 जुलाई (हि.स.)। बेशक, लोकसभा चुनाव में अपनी परम्‍परागत संसदीय सीट शिवपुरी-गुना  से ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया को अपने ही पुराने वफादार रहे केपी यादव से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन इससे उनकी शोहरत में कोई फर्क नहीं आया है। लगातार 15 वर्षों तक प्रदेश में भाजपा की सरकार को सत्‍ताच्‍युत करने में यदि सबसे अधि‍क किसी का योगदान माना जाता है तो वे सिंधिया ही हैं, इसलिए मध्‍य प्रदेश में चल रहे इन दिनों कांग्रेस पदाधिकारियों के इस्‍तीफे के बीच जिस एक नाम पर अध्‍यक्ष पद का भार सौंपने को लेकर सभी ओर से भरोसा जताया जा रहा है, वह नाम सिंधिया का है।
उधर, लोकसभा में करारी हार के बाद से जिस तरह से कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी पद छोड़ने को लेकर अड़े हुए हैं और उनका जो पार्टी कार्यकर्ताओं को संदेश है, एक व्‍यक्‍ति-एक पद। इसे देखते हुए मध्‍य प्रदेश में भी तत्‍काल प्रभाव से कांग्रेस अध्‍यक्ष का चुनाव किया जाना है। हालांकि प्रदेश में कमलनाथ के बाद अगले प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्‍यक्ष की दौड़ में दिग्‍विजय सिंह, अजय सिंह, बाला बच्‍चन, बिसाहू लाल सिंह के नाम भी सामने हैं। इन सभी में सबसे अधिक पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का समर्थन सिंधिया के साथ दिखाई दे रहा है। उल्‍लेखनीय है कि इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल रह चुका है लेकिन विधायी अनुभव और पार्टी फंड जोड़ने को देखते हुए उस समय बाजी कमलनाथ ने मार ली थी, जिसके चलते सबसे अधिक सिंधिया के समर्थकों को निराश होना पड़ा था।
 
कमलनाथ कर चुके हैं इस्तीफे की पेशकश
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि मैंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश हाईकमान से की थी। मैंने प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी ली है। फिलहाल कमलनाथ द्वारा अपने इस्‍तीफे की पेशकश करने किए जाने के बाद से ही पार्टी के सिंधिया खेमें में सबसे अधिक खुशी का माहौल है। गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटना चाह रहे हैं। लोकसभा चुनाव के कारण वे मुख्‍यमंत्री के साथ इस पद पर बने रहे थे। मध्‍य्रपदेश में अगला जो भी अध्यक्ष बनेगा, वह संगठन को मजबूत करने वाला होगा। शायद, इसीलिए ही पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केपी सिंह ने कहा भी कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की उम्र 74 साल हो गई है। इस उम्र में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का काम संभाल पाना उनके लिए संभव नहीं हैं ।
कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत के दौरान कहा कि महाराज सिंधिया को हम अपने प्रदेश का मुख्‍यमंत्री देखना चाहते थे, क्‍योंकि उनकी मेहनत की बदौलत ही प्रदेश में कांग्रेस का सत्‍ता से 15 वर्षीय वनवास समाप्‍त हुआ है लेकिन संगठन के अपने निर्णय है, दिल्‍ली पर क्‍या टिप्‍पणी करें। अब यदि वे पीसीसी अध्‍यक्ष भी बन जाते हैं तो हमें सबसे अधिक खुशी होगी। कम से कम प्रदेश में संगठन के सूत्र तो उनके हाथों में रहेंगे। गुना संसदीय क्षेत्र में हुई उनकी करारी हार को लेकर इन्‍हीं पदाधिकारियों का कहना था कि राजनीति में कोई अजेय नहीं है, जनता है, उसका मूड हमेशा एक जैसा नहीं रहता। महाराज सिंधिया अगली बार जरूरी जीतेंगे।
 
दिग्विजिय गुट से राहत भरी खबर 
ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के लिए प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री दिग्विजिय सिंह गुट की ओर से भी राहत भरी खबर है। उनके कई करीबियों ने सिंधिया पर अपने आगामी प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में भरोसा जताया है। यहां तक कि उनके खास समर्थक एवं प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने सिंधिया को लेकर कहा कि जिस तरह से कमल नाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, उसी तरह सिंधिया के नेतृत्व में प्रदेश में संगठन मजबूत होगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वो लंबे समय से कांग्रेस की सेवा करते आ रहे हैं, अगर पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष  बनाती है तो यह निर्णय पूर्णत: पार्टी के हित में ही है।
प्रदेश के तीन मंत्रियों ने भी सिंधिया को अगला पीसीसी अध्‍यक्ष बनाए जाने को लेकर मुहिम छेड़ रखी है। इन मंत्रियों के नामों में सबसे आगे खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का नाम है। फिर जो इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं वह महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी और राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के हैं। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कहते हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया सिर्फ ग्‍वालियर-चंबल संभाग के लिए ही नहीं, पार्टी स्‍तर पर पूरे प्रदेश के लिए युवा और ऊर्जावान नेता हैं, ऐसे में यदि हाईकमान उन्‍हें प्रदेश कांग्रेस का चीफ बनाता है तो इससे प्रदेश में कार्यकर्ताओं के बीच नए उत्साह का संचार होगा। इसी से मिलती जुलती प्रतिक्रिया महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी की रही। उन्‍होंने कहा कि सिंधिया हमारे सर्वमान्‍य नेता है, उन्‍हें प्रदेश का अगला कांग्रेस अध्‍यक्ष होना चाहिए ।

 


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