झारखंड हाई कोर्ट ने कहा, ‘मिस्ट्री अनएक्सप्लेन्ड’ की ओर बढ़ रहा जज की मौत का मामला

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कोर्ट ने सीबीआई की दायर चार्जशीट पर जताई कड़ी नाराजगी, निदेशक को सम्मन



रांची, 22 अक्टूबर (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध हालात में मौत मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सीबीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने दुख भरे लहजे में कहा कि यह मामला ‘मिस्ट्री अनएक्सप्लेन्ड’ की ओर बढ़ रहा है। इतना ही नहीं कोर्ट ने सीबीआई की दायर चार्जशीट पर भी कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को सम्मन जारी करते हुए अगली सुनवाई में वर्चुअल माध्यम से अदालत के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया है।

चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि जब हाई कोर्ट मामले की निगरानी कर रहा है तो बिना उसकी अनुमति के निचली अदालत में चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई? कोर्ट ने कहा कि जब चार्जशीट में हत्या के मोटिव के बारे में नहीं बताया गया है तो जांच पूरी करते हुए चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई? इसका मतलब कि सीबीआई आरोपितों को निचली अदालत में एक्सीडेंट साबित करने का मौका दे रही है।

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने पूर्व में ही आशंका जाहिर की थी कि यह मामला कहीं मिस्ट्री मर्डर ना बन जाए लेकिन अब लग रहा है कि यह मामला मिस्ट्री अनएक्सप्लेन्ड की ओर बढ़ रहा है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि सीबीआई की अब तक की जांच से कोर्ट बहुत दुखी है। सीबीआई की कार्रवाई पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाबुओं की तरह सीबीआई काम रही है।

कोर्ट ने इस बात पर भी कड़ी नाराजगी जताई कि शुरू से ही सीबीआई स्टीरियोटाइप रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर रही है और कोर्ट को अंधेरे में रख रही है। अदालत ने सीबीआई से पूछा कि निगरानी का क्या मतलब होता है ? क्या सीबीआई इसे सिर्फ खानापूर्ति समझ रही है? क्योंकि, अदालत इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है। इस घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराया था।

कोर्ट ने कहा कि इस घटना से न्यायिक अधिकारियों का मनोबल गिरा है। कोर्ट इनका मनोबल बढ़ाने के लिए इस मामले में शामिल सभी आरोपितों को कड़ी सजा दिलाने के बारे में सोच रही थी लेकिन सीबीआई की अब तक की जांच से पता चल रहा है कि उन्होंने पूरे केस को समाप्त कर दिया है। अदालत ने इसको लेकर भी सवाल उठाया कि चार्जशीट भी जांच रिपोर्ट में नहीं दी गई है।

उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जांच रिपोर्ट पेश की थी। इस पर हाई कोर्ट ने कहा था कि इस रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो रहा है। हाई कोर्ट ने सीबीआई और एसआईटी को स्पेसिफिक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि दो आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ में कई संबंधित लोगों का संबंध पता चल रहा है लेकिन इस बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।


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