पत्रकार उपेंद्र राय को ईडी के मामले में हाई कोर्ट से जमानत

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पिछली 23 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट नेउपेंद्र राय को जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाई कोर्ट उपेंद्र राय को सीबीआई द्वारा दायर केस के मामले में पहले जमानत दे चुका है।



नई दिल्ली, 12 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद पत्रकार उपेंद्र राय को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत दे दी है। उपेन्द्र राय पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से जेल में बंद थे। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने उपेंद्र राय को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दिया। कोर्ट ने उपेंद्र राय को निर्देश दिया कि वो गवाहों और साक्ष्यों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे। कोर्ट ने उपेन्द्र राय को बिना कोर्ट की अनुमति के देश नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है।
पिछली 23 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट नेउपेंद्र राय को जमानत देने से इनकार कर दिया था। दिल्ली हाई कोर्ट उपेंद्र राय को सीबीआई द्वारा दायर केस के मामले में पहले जमानत दे चुका है। 27 अक्टूबर 2018 को पटियाला हाउस कोर्ट ने उपेंद्र राय के खिलाफ ईडी द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था। 26 अक्टूबर 2018 को ईडी ने पूरक आरोप पत्र दायर किया था।
ईडी ने पूरक आरोप पत्र में उपेंद्र राय के खिलाफ 23 करोड़ रुपये की मनी लाउंड्रिंग का आरोप लगाया है। पहले के दायर आरोप पत्र में ईडी ने उपेन्द्र राय पर करीब 29 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था जो उन्होंने बतौर पत्रकार ब्लैकमेलिंग और उगाही के जरिये हासिल की।
ईडी ने कोर्ट को बताया था कि उपेंद्र राय लोगों से वसूली करता था। वह लोगों से कहता था कि पत्रकार होने के नाते हमारे पास आपके खिलाफ सूचना है। ईडी ने उपेंद्र राय पर करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप लगाया है। ईडी ने कहा था कि उपेंद्र राय के पास से कई दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले हैं जिसे लेकर उपेंद्र राय से पूछताछ जरूरी है। ईडी ने कोर्ट को बताया कि उपेंद्र राय अक्सर अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए विदेश जाता रहा है। इसलिए बड़ी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए उपेंद्र राय से पूछताछ जरूरी है।
उपेंद्र राय के ठिकानों पर 2  मई 2018 की रात में सीबीआई ने छापा मारा था और पूछताछ की थी। सीबीआई ने उपेन्द्र राय को 3 मई को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ फर्जी दस्तावेज के जरिये ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्युरिटी से एयरपोर्ट में प्रवेश करने का पास हासिल करने का आरोप है। इसके अलावा फर्जी तरीके से पैसों के लेन-देन करने का भी आरोप है।
उपेन्द्र राय पर 5 मई 2018 को दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। दूसरी एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उसने व्हाईट लायन डेवलपर्स रियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से 15 करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये वसूले थे। उपेन्द्र राय पर आरोप है कि उसने व्हाईट लायन से इनकम टैक्स का छापा और मीडिया में खबर रुकवाने के लिए ये रकम लिए। उपेंद्र राय सहारा मीडिया और तहलका के सीईओ रह चुके हैं।

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