एससीओ देशों के सैन्य शांति मिशन अभ्यास का समापन

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बहुराष्ट्रीय सैन्य टुकड़ियों की क्षमता बढ़ाना रहा इलका मकसद

 द्विवार्षिक अभ्यास के छठे संस्करण की मेजबानी रूस ने की

 भारतीय सैन्यदल ने भी 200 सैनिकों के साथ हिस्सा लिया



नई दिल्ली, 24 सितम्बर (हि.स.)। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के बीच सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से रूस के ऑरेनबर्ग में आयोजित अभ्यास शांतिपूर्ण मिशन 12 दिन बाद शुक्रवार को समाप्त हो गया। द्विवार्षिक अभ्यास का यह छठा संस्करण संस्करण 12 सितम्बर से शुरू हुआ था। इस अभ्यास का उद्देश्य एससीओ सदस्य देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के साथ ही बहुराष्ट्रीय सैन्य टुकड़ियों की क्षमताओं को बढ़ाना भी था।

सभी शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के सशस्त्र बलों को शामिल करके 12 दिनों का संयुक्त प्रशिक्षण दक्षिण पश्चिम रूस के ऑरेनबर्ग क्षेत्र में आयोजित किया गया था। रूस की मेजबानी में हुए इस अभ्यास शांतिपूर्ण मिशन के छठे संस्करण में भारतीय सैन्य दल ने भी 200 सैनिकों के साथ हिस्सा लिया जिनमें वायु सेना के 38 कर्मी भी हैं।

भारतीय दल को दो आईएल-76 विमानों के जरिये अभ्यास क्षेत्र में ले जाया गया। रूस जाने से पहले इस दस्ते ने दक्षिण पश्चिमी कमान के तत्वावधान में प्रशिक्षण और तैयारी की। इस अभ्यास का सत्यापन चरण गुरुवार को हुआ जिसे एससीओ सदस्य देशों के सेना प्रमुखों ने भी देखा। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी इसमें शामिल हुए।

अभ्यास के दौरान सैन्य प्रमुखों ने सदस्य सेनाओं के बीच तालमेल और घनिष्ठ संबंधों के उच्च मानकों पर संतोष व्यक्त किया। यह अभ्यास एससीओ देशों के सशस्त्र बलों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम रहा। एससीओ राष्ट्रों के सशस्त्र बलों को बहुराष्ट्रीय और संयुक्त वातावरण में शहरी परिदृश्य में आतंकवाद-रोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का अवसर भी दिया।

अभ्यास के दायरे में पेशेवर बातचीत, अभ्यास और प्रक्रियाओं की आपसी समझ, संयुक्त कमान और नियंत्रण संरचनाओं की स्थापना और आतंकवादी खतरों का उन्मूलन भी शामिल रहा। शांतिपूर्ण मिशन 2021 आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सैन्य बातचीत और वैश्विक सहयोग में एक ऐतिहासिक अभ्यास रहा।


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