लॉस एंजेल्स, 21 अगस्त (हि.स.)। अमेरिका के दो बार पूर्व उपराष्ट्रपति पद पर रहे जोई बाइडन ने गुरुवार को औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की ज़िम्मेदारी लेते समय बड़े भरोसे के साथ कहा कि अब अंधेरा छँट चुका है, रोशनी की किरणें दिखाई पड़ने लगी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें देशभर से प्रतिक्षण संदेश मिल रहे है कि यह कोई साधारण पार्टी का चुनाव नहीं है। यह जन आंदोलन है, अमेरिका के भविष्य का आंदोलन है। इस समय देश जिस मोड़ पर खड़ा है, चारों ओर कुहासा छाया हुआ है। कोविड से आए दिन लोग मर रहे हैं, नस्लीय समस्याएँ मुँह बाए खड़ी है, रोज़गार जा रहे हैं, इकॉनमी रसातल की ओर जा रही है, पर्यावरण संतुलन ख़तरे में है और मानवीय अधिकारों पर सीधे चोट लग रही है। यह ऐसी स्थिति है कि इस बार मतपत्र पर अमेरिका का भविष्य लिखा होगा। उन्होंने विनम्रता के साथ अपील की कि वे तथ्यों के आधार पर निर्णय लें और अपने मताधिकार का उपयोग करें।
डेमोक्रेटिक कन्वेंशन के चौथे और अंतिम दिन 77 वर्षीय जोई बाइडन ने कहा कि चुनाव आते और जाते हैं, लेकिन यह चुनाव अमेरिका के इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण चुनाव है, जब देश की जनता को अमेरिका, अपने समाज और अपने ख़ुद के भविष्य के बारे में निर्णय करना है। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प को चार सालों के लिए फिर से व्हाइट हाउस में सत्तानशी करने का अर्थ देश को गर्त में डुबोना होगा, संकटों को निमंत्रित करना होगा। उनका कहना था कि प्रेज़िडेंट बराक ओबामा ने सत्ता सौंपते समय विरासत में एक गौरवशाली डेमोक्रेसी और सुदृढ़ इकानमी दी थी, लेकिन ट्रम्प चार सालों में दशकों से इस देश की गौरव शाली डेमोक्रेसी को संरक्षित करने में विफल रहे हैं, मध्य वर्गीय परिवारों को बचाने में व्हाइट हाउस का कोई योगदान नहीं रहा है, आम लोगों के रोज़गार के साथ साथ उनके वैभव को आघात लगा है।
बाइडन की प्राथमिकताएँ : इस दो घंटों के वर्चुअल कार्यक्रम में हँसमुख और शालीन जोई बाइडन ने लोगों की बात उन्हीं की ज़ुबान में कहा कि पद गृहण करने के बाद उनकी प्राथमिकताओं में कोविड-19 पर नियंत्रण, इकानमी को पटरी पर लाना, रोज़गार की वापसी, मेडिकेयर को सुदृढ़ करना, महिलाओं के अधिकार, वेतन में समानता, पर्यावरण संतुलन, स्वच्छ ऊर्जा आदि विषय होंगे। उन्होंने कहा कि वह अमीरों और कारपोरेट जगत के लिए विशेष रूप से टेक्स कोड नहीं, और ग़रीब में खाई दूर करने की कोशिश करेंगे।
चुनौती कोई बड़ी नहीं होती, बशर्ते इरादे नेक हों: नपे-तुले शब्दों में सीधी और सपाट भाषा में अपनी बात कहने में माहिर जोई बाइडन ने कहा कि चुनौतियाँ आएँगी, उनका मुक़ाबला करना होगा, घृणा से प्रेम कहीं बड़ी बात है। उन्होंने कहा ईमानदारी और नेक इरादों से काम करें तो हर चीज़ चुनौती से मुक़ाबला संभव है। उन्होंने दशकों पूर्व अपनी पहली पत्नी की कार दुर्घटना में मृत्यु के बाद दूसरी पत्नी जिल बाइडन के संबंध में कहा कि वह एक सामान्य टीचर होते हुए देश के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। जिल बाइडन ने जिस तरह स्कूल में बच्चों के करियर को संभाला है, वह काबिलेतारीफ है। वहीं पहली पत्नी की मृत्यु के बाद घर को भी उन्होंने बाख़ूबी संभाला हैं।
जोई बाइडन ने कहा कि कमला हैरिस के रूप में उन्हें एक ऐसी जूझारू और इंटेलीजेंट उपराष्ट्रपति पद की दावेदार मिली हैं, जिनकी बड़े बैंकों पर निगाहें हैं, आपराधिक न्याय व्यवस्था में सुधार के प्रति ललक है। उन्होंने आशा जताई की वे दोनों मिलजुल कर देश की जनता को एक बेहतर अमेरिका दे सकेंगे।