नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। जेएनयू में हुई हिंसा पर पुलिस ने उन नौ लोगों को पूछताछ के लिए सोमवार को बुलाया, जिनको संदिग्ध बताकर पुलिस ने उनकी फोटो भी जारी की थी। पुलिस उनसे पूछताछ करके घटना के बारे में जानना चाह रही है, क्योंकि अभी जो कुछ पुलिस को पता है, वह सिर्फ लोकल पुलिस के हवाले से पता है। छात्रों का बयान आना अभी बाकी है। पुलिस का कहना है कि पुलिस को कुछ चैट्स के स्क्रीनशॉट मिले हैं, हालांकि वह पुख्ता हैं या नहीं, इसके बारे में व्हाट्सएप को डिटेल देने के लिए कहा है। पुलिस के अनुसार, पुलिस ने घटनास्थल से कुछ पत्थर इक्ट्ठा किए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच होनी है, जिससे उस पर से संभावित खून के सुराग मिल सकें।
वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जिन लोगों की पहचान की है, उनसे अभी पूछताछ नहीं की जा रही है, क्योंकि व्हाट्सएप का जवाब आने के बाद यह कदम उठाया जाएगा। पुलिस को शक है कि कुछ चैट्स डिलीट भी किए गए थे, जिसके कारण व्हाट्सएप का जवाब महत्वपूर्ण है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अभी तक आइशी की तरफ से कोई बयान नहीं मिला है और न उन्होंने न आने की बात कही है। हालांकि अगर वह नहीं आती है, तो पुलिस आइशी के खिलाफ लीगल कार्रवाई कर सकती है।
पुलिस के अनुसार, पुलिस ने अब तक 45 लोगों से बात की है, जिसमें 5 फैकल्टी मेंबर भी हैं। पुलिस ने दर्जनों ऐसे लोगों की पहचान की है, जो व्हाट्सएप ग्रुप में थे। पुलिस को इनसे जो चैट मिला है, उनके यह स्पष्ट है कि पूरा हमला योजनाबद्ध था। वहीं पुलिस का कहना है कि जिन संदिग्धों की फोटो जारी की गई है, उनसे एक बार पूछताछ जरूरी है। उनका भी पक्ष सामने आना चाहिए। पुलिस ने कहा है कि डीयू के दौलतराम कॉलेज की जिस कोमल की पहचान हुई है, पुलिस ने उसको भी नोटिस दिया है, लेकिन उसे आज नहीं बुलाया गया हैं।