ट्रेन-अंतर राज्यीय बस सेवा शुरू होने के बाद जेएनयू प्रशासन की सलाह -हॉस्टल खाली कर दें छात्र
नई दिल्ली, 25 मई (हि.स.)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों से छात्रावास खाली कर घर लौटने की सख्त सलाह दी है। प्रशासन का कहना है कि यह छात्र अचानक से लागू हुए लॉकडाउन के चलते दिल्ली में ही फंसे रह गए थे। अब चूंकि देशभर में रेलगाड़ियों, अंतर राज्यीय बस और टैक्सी सेवा शुरू हो गई है, लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से छात्रों को अपने घरों को लौट जाना चाहिए।
डीन ऑफ स्टूडेंट्स सुधीर प्रताप सिंह द्वारा सोमवार को जारी एक परिपत्र में कहा कि दिल्ली में ट्रांसपोर्ट सुविधा फिर से शुरू होने और लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए छात्रों को अपने गृहनगर लौटने को कहा गया है। विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि छात्र 25 जून या उसके बाद परिसर में लौट सकते हैं और तब तक सभी शैक्षणिक गतिविधियां बंद हैं।
सर्कुलर के अनुसार, जेएनयू ने 16 और 19 मार्च को विश्वविद्यालय बंद होने के संबंध में सर्कुलर जारी किए थे। इसमें विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां बंद करने और विद्यार्थियों को छात्रावास खाली करने को कहा गया था। हालांकि उस समय यातायात के सार्वजनिक साधन उपलब्ध नहीं होने के कारण काफी संख्या में छात्रों ने घर जाने में असमर्थता जताई थी। इस पर विश्वविद्यालय ने ऐसे छात्रों को छात्रावास में ही ठहरने की अनुमति दे दी थी।
सर्कुलर में कहा गया है कि जैसा कि व्यापक रूप से बताया गया है कि भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनें चलाना शुरू कर दिया है और 1 जून से लगभग 200 और ट्रेनें शुरू होने जा रही हैं। राज्य सरकारों द्वारा इंट्रा-स्टेट बस और टैक्सी सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं। इसके अलावा कुछ राज्य सरकारों द्वारा अपने राज्यों के छात्रों की वापसी के लिए परिवहन व्यवस्था की जा रही है।
परिपत्र में कहा गया है कि भारत सरकार देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति के बारे में प्रतिदिन अपडेट करती है। वर्तमान में, दिल्ली में मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ रही है। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, सभी छात्र, जो फंसे हुए हैं और छात्रावास में रह रहे हैं, उन्हें अपने गृहनगर लौटने और विश्वविद्यालय खुलने पर ही वापस आने की सख्त सलाह दी जाती है।