जेएनयू की घटना पर यूपी में भी सियासी उबाल, भाजपा ने कहा: ‘अर्बन तड़फड़ाहट का नतीजा’

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पुलिस सतर्क, प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की गतिविधियों पर कड़ी नजर



लखनऊ, 06 जनवरी (हि.स.) रविवार को जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर यूपी में भी सियासी उबाल आ चुका है। एक तरफ जहां विपक्ष ने भाजपा पर हमला बोला, वहीं भाजपा ने इसे अर्बन वामपंथ की तड़फड़ाहट का नतीजा बताया है। इन सबके बीच पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

जेएनयू में हुई हिंसा पर बसपा प्रमुख मायावती ने न्यायिक जांच कराने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार को इस घटना को अति गम्भीरता से लेना चाहिए।साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि जेएनयू में जिस तरह नक़ाबपोश अपराधियों ने छात्रों और अध्यापकों पर हिंसक हमला किया है, वह बेहद निंदनीय है। इस विषय में तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा समाज का ध्रुवीकरण करने और असंतोष फैलाने के लिए हिंसा और नफरत का इस्तेमाल कर रही है। एबीवीपी भाजपा के तूफानी सैनिकों की तरह काम कर रही है। जेएनयू में नक़ाबपोश अपराधियों को रोकने में नाकाम पुलिस द्वारा स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेन्द्र यादव से बदसलूकी निंदनीय है। अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालाें पर अत्याचार कर दमन का प्रयास सरकार बंद करे।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा है कि जेएनयू की घटना अर्बन वामपंथियों के तानाशाही का नतीजा है। वहां पहले इसकी जांच होनी चाहिए कि कैसे नेट प्रभावित कर प्रवेश प्रक्रिया को बाधित किया गया। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्ष हर जगह उकासने का काम कर रहा है। उसको शांति व्यवस्था व सुशासन पच नहीं रहा है। इस कारण वह अब विश्वविद्यालयों को भी आग में झोंकने की कोशिश कर रहा है। शुक्ला ने नकाब पहनकर हमला करने वालों की दिल्ली पुलिस से विस्तृत जांच की मांग की है।

 


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