अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांवों तक जेजेएम से मिल रहा है नल कनेक्शन

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नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत अरुणाचल प्रदेश के सुदूर गांवों तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को एक कार्यशील पारिवारिक नल कनेक्शन (एफएचटीसी) उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि सुदूर स्थित गांवों तक नियमित आधार पर समुचित और पीने का सुरक्षित पानी सुनिश्चित हो सके।
हिबा अरुणाचल प्रदेश का एक ऐसा ही सुदूर का गांव है जहां पहुंचने की दुष्कर यात्रा राजधानी इटानगर से लैंगढ़ (जो न्योबीआ सर्किल का मुख्यालय है) तक निर्माणाधीन 330 किमी की सड़क यात्रा से आरंभ हो जाती है और उसके बाद 25 किमी और मिट्टी की सड़कों पर चलना होता है। ऊंचाई की पहले से ही विद्यमान चुनौतियों के बावजूद दुरूह तराई और बदहाल सड़कों से इस क्षेत्र में 7 महीने होने वाली बरसात विकास संबंधी गतिविधियों के लिए निर्माण सामग्रियों की माल ढुलाई को और मुश्किल बना देती है। इसके अतिरिक्त कोविड-19 महामारी के कारण अरुणाचल प्रदेश योजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित कठिनाइयों का भी सामना कर रहा है। क्योंकि कई गांवों ने बैरिकेडिंग करके खुद को घेर लिया है और वे दूसरों को गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।
ऐसी चुनौतियों के बावजूद पीएचई विभाग वर्ष 2023 तक राज्य में ‘जल जीवन मिशन: हर घर जल’ के विजन को अर्जित करने के लिए तैयारी कर रहा है। अधिकारियों ने ग्राम समुदायों से संपर्क साधा और उन्हें उनकी खुद की जलापूर्ति प्रणालियों के योजना निर्माण, कार्यान्वयन, प्रबंधन, प्रचालन और रख-रखाव में ग्राम पंचायतों की भूमिका के बारे में बताया और इसी के अनुरूप उनकी भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसे निरंतर प्रयासो के साथ होको, रेल्लो एवं सारा बस्तियों के सभी 51 परिवारों को पारिवारिक नल कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए हैं।


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