पर्यटन के क्षेत्र में बिहार को बनाएंगे अग्रणी राज्य : जीवेश मिश्र
पटना, 04 दिसम्बर (हि.स.)। बिहार की भाजपा-नीत राजग सरकार के पर्यटन, खनन एवं भूतत्व मंत्री जीवेश मिश्र ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए जमीन की समस्या नहीं आने देगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के लिए भी हमारे द्वार खुले हैं। लोग आएं और निवेश करें। हम पर्यटन के क्षेत्र में बिहार को अग्रणी राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
प्रश्न : बिहार में पर्यटन को कैसे बढ़ावा देंगे?
उत्तर: देश में बिहार पर्यटन के क्षेत्र में 14वें स्थान पर है। प्रदेश में जो पर्यटक आ रहे हैं वे धार्मिक आस्था और भावना को लेकर आ रहे हैं। हमने विभागीय अधिकारियों से इसे लेकर चर्चा की है। रोडमैप तैयार कर इस पर काम करेंगे और प्रदेश को अव्वल स्थान पर लाने के लिए हरसंभव कोशिश करेंगे। हमारी योजना है कि जो पर्यटक यहां घूमने आते हैं वे धार्मिक महत्व के लिए आते हैं। उनके रहने-घूमने की उचित व्यवस्था हो ताकि वे यहां एक कम्पलीट पैकेज लेकर आएं, जैसे;- दो रात, एक दिन या फिर चार रात दो दिन। हम विश्वास करते हैं कि बिहार में पर्यटक केवल आएंगे ही नहीं बल्कि विहार भी करेंगे।
प्रश्न : दक्षिण बिहार की अपेक्षा उत्तर बिहार में पर्यटन के क्षेत्र में कम ध्यान दिया गया, आपका क्या कहना है?
उत्तर: आपकी बात से सहमत हूं। मिथिला के लिए यह गौरव की बात है कि अहिल्यास्थान को रामायण सर्किट से जोड़ दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध हैं। इसी कड़ी में दरभंगा में एयर सेवा बहाल की गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापन की स्वीकृति मिल चुकी है। मिथिला को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी और कोसी प्रक्षेत्र के तामम धार्मिक एवं पर्यटन स्थल का तेजी से विकास होगा। मां सीता की प्राकट्य स्थली, पुनौड़ा धाम, अहिल्या स्थान को टूरिस्ट सर्किट बनाकर यहां होटल और बेहतर रेस्टोरेंट बनाकर लोगों के ठहरने की उचित व्यवस्था की जाएगी। मोतिहारी स्थित भितिहरवा गांधी आश्रम बनकर पूरी तरह से तैयार है। कोरोना वायरस की वजह से विलम्ब हुआ है। गांधीजी की कर्मस्थली से इस स्थान का जुड़ाव है। इसके खुलने से बाहर के पर्यटक वहां पहुंचने लगेंगे। बेतिया जिले में स्थित वाल्मीकि सफारी का विकास भी हमारी सरकार ने ही किया है। वहां आज पर्यटक काफी संख्या में पहुंच रहे हैं।
प्रश्न : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए क्या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की योजना है?
उत्तर: राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए भी हमारे द्वार खुले हैं। लोग आएं और पर्यटन के क्षेत्र में निवेश करें। पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र के उद्यमियों को बैंक से लोन सुविधा दी जाएगी ताकि उनका वित्तीय बोझ कम हो और बिहार में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिले। पर्यटन उद्योग लगाने वालों को सरकार अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराएगी, जो राज्य सरकार की उद्योग प्रोत्साहन नीति के तहत अन्य उद्योगों को मिलती है। पर्यटन की दृष्टि से फ्लोटिंग रेस्टोरेंट और गंगा किनारे के सैंडप्लेट पर तंबू लगाकर पर्यटकों के लिए उचित व्यवस्था कर बिहार के पर्यटन को प्राफिट वेंचर बनाने के लिए हमारा मंत्रालय रोडमैप तैयार कर रहा है। हमें आशा एवं पूर्ण विश्वास है कि बिहार अपनी खूबसूरती को प्राप्त करेगा। राजगीर पर्यटन स्थल हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले हमारी सबसे बड़ी समस्या अच्छी सड़कें और बिजली थीं, जिसे हमारी (भाजपा-जदयू) की सरकार ने गत 15 वर्षों में दूर कर दिया है। जो काम इस क्षेत्र में बचा है वह मौजूदा पंचवर्षीय योजना में पूरा कर लेंगे।
प्रश्न: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल और स्टेडियम आदि के लिए जमीन की आवश्यकता होगी, इस समस्या को कैसे दूर करेंगे?
उत्तर : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जमीन की समस्या नहीं आने देंगे। यह नीतिगत मामला है। हमारे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी संवेदनशील हैं। बिहार सरकार ने राज्य को गत 15 वर्षों में स्थायित्व प्रदान किया है। उद्योग भी लगे हैं। हाजीपुर में खाद्य प्रसंस्करण की कई इकाइयां लग चुकी हैं। कपड़े बनाने वाली कंपनियों ने भी पटना के बाहरी क्षेत्रों में अपनी इकाई शुरू की हैं। राज्य सरकार पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए क्रमशः आगे बढ़ रही है।