प्रो कबड्डी सीजन 8 में पटना पाइरेटस से खेलेगा झुंझुनू का सचिन

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झुंझुनू, 3 अक्टूबर (हि.स.)। कभी घर वालों से छिप छिप कर हरियाणा तक कबड्डी खेलने जाने वाला सचिन तंवर आज देश में कबड्डी के पांच बड़े खिलाड़ियों में से एक है। राजस्थान में झुंझुनू जिले के बड़बर गांव का सचिन तंवर के लिये कबड्डी खेलना किसी जुनून से कम नहीं है। बचपन में कबड्डी खेलने को लेकर सचिन के इतना जुनून था कि घरवालों को बिना बताये खेलने चले जाता और खेल में जब उसे चोट लग जाती तो भी वह घर आकर किसी को नहीं बताता था। कबड्डी के कारण तो वह 10वीं कक्षा में फेल भी हो गया। लेकिन कबड्डी का जुनून कभी कम नहीं हुआ। इस

आज यही सचिन तंवर देश के पांच सबसे महंगे कबड्डी खिलाड़ियों में शामिल है। झुंझुनू जिले के बड़बर गांव में पले बढ़े सचिन तंवर इस बार प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 में पटना पाइरेट्स की ओर से खेलेगा। पटना पाइरेट्स की फ्रेंचाइजी ने 84 लाख रुपये की बोली लगाकर सचिन को खरीदा है। जो ना केवल प्रो कबड्डी में सबसे महंगे पांच खिलाड़ियों में शामिल है। बल्कि पटना की टीम का भी सबसे महंगा खिलाड़ी है।

सचिन का परिवार हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के पाथेड़ा गांव का रहने वाला है। उनकी बुआ की शादी झुंझुनू जिले के बड़बर गांव में हुई थी। सचिन छोटी उम्र से बुआ के पास बड़बर में रहने लगा था। सचिन तंवर बड़बर गांव में ही पला-बढ़ा, यहीं पर पढ़ाई की और फिर कबड्डी खेलने चला गया। सचिन के मामा भी कबड्डी खिलाड़ी रह चुके है। अपने मामा और बड़े भाई को देखकर सचिन की कबड्डी में रुचि बढ़ती गई। वे धीरे-धीरे स्कूल की टीम में और फिर गांव में खेलने लगे। उन्होंने कभी अपने कबड्डी के जुनून को कम नहीं होने दिया। बचपन में स्कूल की प्रतियोगिताओं के साथ-साथ गांव में लगने वाले मेलों में सचिन ने कबड्डी में खूब दांव-पेंच लगाकर विरोधी टीमों को पछाड़ा है। इस दौरान कई बार स्कूल छोड़कर भी सचिन खेलने गया तो कई बार उसे खेलने के दौरान चोट भी लगी। लेकिन उसने अपने कबड्डी के जुनून को कभी कम नहीं होने दिया। सचिन अब प्रो कबड्डी के स्टार प्लेयर हैं। जिसे लेने के लिए ऊंची ऊंची बोली लगती है।

सचिन के बुआ का बेटा भाई मोहन ने बताया कि जब सचिन दो साल का था। तभी से उनके पास रहा है। करीब 15 साल तक सचिन को अपने पास रखा। फिर खेलने के लिए जयपुर चला गया। पहले तीन सीजन में सचिन गुजरात के लिए खेला। सीजन पांच में सचिन की बोली गुजरात फ्रेंचाइजी ने 36 लाख लगाई थी। फिर सीजन छह में सचिन को गुजरात फ्रेंचाइजी ने ही 56 लाख रूपए में खरीदा। सीजन सात में भी सचिन गुजरात फ्रेंचाइजी का हिस्सा रहा और 78 लाख रूपए सालाना में खेला। इस बार सचिन पटना के लिए सीजन 8 खेलेगा और उसकी बोली 84 लाख रूपए लगी है।

सचिन तंवर ने भी अभी तक प्रो कबड्डी लीग में सिर्फ गुजरात के लिए ही मैच खेले हैं। इस सीजन की नीलामी में पटना पाइरेट्स ने 84 लाख की रकम में उन्हें खरीदा। पिछले सीजन गुजरात के लिए उन्होंने 84 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे। परदीप नरवाल के जाने से रेडिंग का काफी जिम्मा अब सचिन तंवर कंधों पर भी होगा। उन्हें मोनू गोयत जैसे दिग्गज रेडर का साथ मिलेगा। आपको बता दें परदीप नरवाल प्रो कबड्डी के सबसे महंगे खिलाड़ी है। जिन्होंने पटना पाइरेट्स को लगातार तीन सीजन पीकेएल का खिताब जिताया। अब परदीप की जगह संदीप लेगा। ऐसे में पटना पाइरेट्स को खिताब जिताना संदीप के कंधों पर ही होगा। इस बार परदीप को यूपी योद्धा ने 1.65 करोड़ रुपये में खरीदा है। जो प्रो कबड्डी लीग की अब तक की सबसे बड़ी बोली और परदीप सबसे महंगे खिलाड़ी है।

प्रो कबड्डी के खिलाड़ी सचिन तंवर को पिछली साल ही राज्य सरकार भी आउट आफ टर्म नौकरी देकर सम्मान से नवाज चुकी है। सचिन तंवर राजस्थान पुलिस में एसआई है। जिसकी पोस्टिंग जयपुर में है। सचिन तंवर फिलहाल जिंद में प्रो कबड्डी लीग की तैयारियों को लेकर प्रेक्टिस कर रहा है। इस बार दिसंबर में प्रो कबड्डी लीग सीजन 8 शुरू होने की संभावना है।

प्रो कबड्डी खिलाड़ी सचिन तंवर के स्कूल और मेलों में मिले ट्रॉफी, मैडल, प्रमाण पत्र अभी भी बड़बर में उनके फूफा के घर बुआ के बेटे और रिश्ते में भाई मोहन के घर पर रखे हुए है। हालांकि अब बड़बर सचिन तंवर कबड्डी के सचिन बनकर उभरे है। सचिन का नाम आज पूरे भारत में गूंज रहा है। सचिन तंवर का बड़ा भाई दीपक भी कबड्डी का नेशनल खिलाड़ी है। सचिन के भाई दीपक को भी सरकार ने आउट ऑफ़ टर्म खेल कोटे से कांस्टेबल बनाया है। जो वर्तमान में चित्तौड़गढ़ में तैनात हैं। सचिन की मां राधा और पिता सतीशकुमार खेतीबाड़ी का काम करते है।


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