रांची, 16 नवम्बर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा चुनाव के पूर्व राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) टूट गया है। इस टूट के बाद एनडीए में शामिल ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। हालांकि आजसू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन संभावना जतायी जा रही है कि आजसू 26 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। जबकि भाजपा भी अब सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गयी है।
झारखंड में एनडीए की टूट का कारण हटिया, लोहरदगा और चंदनकियारी विधानसभा सीट है। जिस कारण एनडीए की 19 साल की एकजुटता टूट गयी। बताया जाता है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और आजसू के बीच गठबंधन हुआ था। जिसमें हटिया विधानसभा सीट भाजपा के खाते में चली गयी थी। जबकि हटिया सीट आजसू की सीटिंग सीट थी और आजसू से नवीन जायसवाल यहां से विधायक थे लेकिन 2014 में भाजपा के खाते में हटिया सीट जाने से नाराज नवीन जायसवाल आजसू छोड़ झाविमो में चले गये और विधानसभा का चुनाव भी जीता। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गये। आजसू का कहना है कि इसबार भी हटिया भाजपा के खाते में चली गयी। आखिर आजसू ही हर बार कुर्बानी क्यों दे।
इधर चंदनकियारी और लोहरदगा भी आजसू की सीटिंग सीट थी। 2014 के विधानसभा उपचुनाव में आजसू लोहरदगा सीट हार गयी थी। आजसू के कमल किशोर भगत यहां से जीतते थे, लेकिन एक मामले में उन्हें सजा हो गयी, जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ। जिसमें कांग्रेस के सुखदेव भगत से आजसू की नीरू शांति भगत चुनाव हार गयी थी। इस सीट पर आजसू ने दावा किया था, लेकिन कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गये और लोहरदगा से भाजपा के प्रबल उम्मीदवार हो गये। जबकि चंदनकियारी से पूर्व मंत्री और आजसू नेता उमाकांत रजक जीतते रहे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में वह झाविमो के अमर बाउरी से हार गये। अमर बाउरी चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गये। जिस कारण भाजपा ने अमर बाउरी को चंदनकियारी से उम्मीदवार बनाया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि आजसू ने भाजपा से शर्त रखी थी कि हटिया विधानसभा सीट से पार्टी नवीन जायवाल को उम्मीदवार नहीं बनाये लेकिन भाजपा ने नवीन जायवाल को उम्मीदवार बना दिया। संभावना जतायी जा रही है कि एनडीए में टूट का कारण यही है।