रांची, 03 मार्च (हि.स.)। झारखंड विधानसभा में वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने मंगलवार को हेमंत सोरेन सरकार का पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 86370 करोड़ का बजट पेश किया, जिसमें किसी नये कर का प्रावधान नहीं है। उरांव ने भाजपा विधायकों के शोर शराबे, हंगामे और नारेबाजी के बीच बजट पेश करते हुए कहा कि इसमें राजस्व व्यय 73,315 करोड़ 94 लाख रूपये तथा पूंजीगत व्यय 13,054 करोड़ छह लाख रूपये का है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए स्थापना व्यय 37,445 करोड़ छह लाख रूपये, राज्य स्कीम में 34,485 करोड़ 72 लाख रूपये, केंद्रीय सेक्टर स्कीम में 3315 करोडक़ 27 लाख रूपये तथा केंद्र प्रायोजित स्कीम में 11,123 करोड़ 95 लाख यानि कुल 86370 करोड़ का बजट तैयार किया गया है। भाजपा सदस्यों ने सदन में हंगामा और नारेबाजी जारी रखा तथा सदन के बीच में धरने पर भी बैठे। बाद में भाजपा सदस्यों ने बजट भाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य को अपने कर राजस्व करीब 21669 करोड़ 50 लाख रूपये तथा गैर कर राजस्व से 11820 करोड़ 34 लाख रूपये केंद्रीय सहायता से 15839 करोड़ रूपये केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 25979 करोड़ 91 लाख रूपये लोक ऋण से करीब 11000 करोड़ रूपये एवं उधार तथा अग्रिम की वसूली से करीब 61 करोड़ 25 लाख रूपये प्राप्त होंगे। वित्तीय वर्ष 2014-15 में विकास दर 12.5 प्रतिशत थी। तथा वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2018-19 की अवधि में राज्य की औसत वार्षिक विकास दर करीब 5.7 प्रतिशत रही। वर्तमान वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय स्थिर मूल्य पर चालू वित्तीय वर्ष में 65802 रूपये अनुमानित है, जो गत वर्ष 62345 रूपये थी, जो 5.5 प्रतिशत का विकास दर परिलक्षित करती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्थिर मूल्य पर जीएसडीपी विकास दर आठ प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
उरांव ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की जायेंगी। जिनमें आयुष्मान भारत योजना के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा सभी को पांच लाख रूपये तक का स्वास्थ्य बीमा, धोती लूंगी साड़ी योजना, मुख्यमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 50000 रूपये की अतिरिक्त राशि देने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा सरकार द्वारा 300 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले परिवार को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। प्रसिद्ध चिकित्सा संस्थानों में कैंसर, किडनी एवं लीवर रोग के इलाज के लिए आठ लाख रूपये वार्षिक आय तक के सभी परिवारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी और इलाज पर होने वाले पूरे खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जायेगा। 50 वर्ष से उपर 10 लाख छूटे हुए लोगों को अतिरिक्त राशन उपलब्ध कराया जायेगा। अल्पकालीन कृषि ऋण राहत योजना, बेरोजगार युवक युवतियों को सहायता राशि, मुख्यमंत्री कैंटीन योजना, छात्राओं को मुफ्त में तकनीकि शिक्षा और जिला स्कूल का आधुनिकीकरण के कार्य शुरू किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 2020-21 में राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों को सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है। राज्य के वैसे स्नातक, स्नातकोत्तर बेरोजगार युवकों जिन्होंने विगत तीन वर्षों के अंदर डिग्री प्राप्त की है एवं जो राज्य के नियोजनालयों में निबंधित हैं और प्रयास करने के बावजूद बेरोजगार हैं, उन स्नातक, स्नातकोत्तर युवकों को दो वर्षों के लिए क्रमश: पांच हजार और सात हजार रूपये प्रतिवर्ष सहायता राशि प्रदान किये जाने का प्रस्ताव है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 146 करोड़ रूपये राशि का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग एवं बीमार कलाकार जो अपनी कला का प्रदर्शन करने में अक्षम हैं को मासिक पेंशन प्रदान किये जाने का भी प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने युवकों, किसानों को, बेरोजगारों को, श्रमिकों को, खेतिहर मजदूरों जैसे समाज के न्यूनतम पायदान पर खड़े लोगों को ध्यान में रखकर वित्तीय वर्ष 2020-21 बजट तैयार किया है।