नई दिल्ली, 23 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल की अपने खिलाफ लुकआउट सर्कुलर पर रोक लगाने के खिलाफ दायर याचिका को वापस लेने की अनुमति दे दी है।
गोयल ने अपनी याचिका में कहा था कि वे विदेश जाने की अनुमति चाहते थे लेकिन अब वे अपनी इस मांग पर जोर नहीं देना चाहते हैं, क्योंकि जांच चल रही है। गोयल ने कहा कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को ये सूचित किया गया कि गोयल को समन भेजने के बाद वे जांच में सहयोग कर रहे हैं। नौ जुलाई को हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने लुकआउट सर्कुलर के खिलाफ उनकी अर्जी पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
नरेश गोयल ने अपनी याचिका में कहा था कि सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ) के कहने पर उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। एसएफआईओ कंपनी मामलों के मंत्रालय के अधीन आता है। याचिका में कहा गया था कि नरेश गोयल को लुक आउट सर्कुलर के बारे में तब पता चला जब वे 25 मई को दुबई के लिए फ्लाइट से रवाना होने वाले थे। याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई एफआईआर या ईसीआईआर दर्ज नहीं की गई है, जिसके आधार पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया जाए।
जेट एयरवेज में संकट पैदा होने के बाद नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। नरेश गोयल ने जेट एयरवेज के चेयरमैन के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जेट एयरवेज पर बकायेदारों का करीब 8000 करोड़ रुपये बकाया है। जेट एयरवेज की दिवालिया प्रक्रिया को लेकर एनसीएलटी के यहां याचिका लंबित है।