पटना, 17 अगस्त (हि.स.) । राजद के तीन विधायकों ने सोमवार को सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया। राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इन तीनों विधायकों का पार्टी में स्वागत किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव हुआ था। उसमें ये तीनों विधायक शामिल थे और अब फिर अपने नेता के पास वापस लौट आये हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने परिवार के लिए काम नहीं किया। कोई उनके परिवार का नाम तक नहीं जानता है।
श्याम रजक के मामले पर उन्होंने कहा कि अज्ञानता में कुछ लोग बकबक करते हैं। आजकल वो बकबकी बहुत कर रहे हैं। हमने अंतिम क्षण तक मौका दिया कि वो सुधर जाएं लेकिन वे नहीं माने, इसलिए उन्हें निकाल दिया। वे राजद छोड़कर आये थे। हम उनको बधाई देते हैं कि वह उन्नति करें। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान पर उन्होंने कहा कि वे कभी सहयोगी होते हैं तो कभी विरोधी हो जाते हैं। लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार है। राजनीति में कब कौन कहाँ रहेगा, कौन बता सकता है? कोई आता है, कोई जाता है, नेता और दल हमेशा ताकतवर होते हैं।
जदयू में शामिल हुए महेश्वर यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल में गरीबों की जगह नहीं है। वहां बड़े-बड़े पूंजीपतियों की जगह हो गई थी। उसे परिवार की पार्टी बना लिया गया था। कल मुझे निष्कासित किया गया है। जब उन्हें पता चला कि सोमवार को हम जदयू में जाने वाले हैं तब उन्होंने निष्कासित कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने नीतीश कुमार के काम को देखा है और पूरे हृदय से पार्टी में शामिल हो रहा हूँ।
उधर, प्रेमा चौधरी ने कहा कि मैं 20 साल से पार्टी में हूं। बहुत ईमानदारी से काम किया है। मैं तीन बार विधायक भी बनी, लेकिन 2015 के चुनाव के बाद उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया, लेकिन नीतीश कुमार ने महिलाओं को विशेष सुविधा दी है, आरक्षण दिया है। खासकर दलित महिलाओं को आरक्षण दिया है। आधी आबादी उनके साथ है। मैं दलित होकर मुख्यमंत्री के पास जब भी गई, काम हुआ। मुझे लगा नहीं कि मैं विपक्ष में हूं। मैं भाजपा में जा सकती थी लेकिन पुराने साथी के साथ आई हूँ।
डॉ. अशोक कुमार ने कहा की राजद छोड़कर इस दल में आने का कारण है कि नीतीश कुमार ने विकास की जो लाइन खींची है, वह आजादी के बाद किसी ने नहीं किया है। उन्होंने सवाल किया कि उपेंद्र जी को उपेंद्र कुशवाहा किसने बनाया? नीतीश कुमार ने। उन्हें विरोधी दल का नेता बनाया गया। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा ने पीठ में छुरा भोकने का काम किया। हमारे समाज के लोगों ने दवाब बनाया कि नीतीश कुमार का दामन थामिए और कुशवाहा समाज को आगे बढ़ाइए। सामाजिक समीकरण का काम जो नीतीश कुमार ने किया है, वो किसी ने नहीं किया।