पटना, 23 सितम्बर (हि.स.) । बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में सियासी पारा चढ़ने लगा है। चुनाव से पहले एनडीए के दो घटक दलों की बीच मचा रार अब और तेज हो गया है। जदयू और लोजपा के बीच चल रही तनातनी के बीच अब जदयू ने खुलकर चिराग का विरोध शुरू कर दिया है। जदयू ने साफ कर दिया है कि सीट बंटवारे को लेकर वह लोजपा से बात नहीं करेगी। दिल्ली में जदयू सांसद ललन सिंह और आरसीपी सिंह ने भूपेन्द्र यादव से बात की है। इस बातचीत में जदयू ने साफ कह दिया है कि सीट बंटवार के मुद्दे पर भाजपा लोजपा से बात करे, जदयू लोजपा से बात नहीं करेगी। जदयू सीएम नीतीश को लेकर लोजपा सुप्रीमो के रवैये से नाराज हैं। इसलिए जदयू ने साफ कर दिया है कि सीट शेयरिंग को लेकर वह लोजपा से बात नहीं करेगा।
बता दें कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में लोजपा को जितनी सीटें मिली थीं , उसमें आधी सीटों पर जदयू उम्मीदवारों के हाथों पार्टी प्रत्याशी की करारी हार हुई थी। ऐसी 20 सीटें हैं जहां वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी ने लोजपा कैंडिडेट को हराकर चुनाव जीता था। इस बार लोजपा अगर एनडीए के साथ रही तो उन सीटों को जदयू किसी कीमत पर छोड़ नहीं सकता क्योंकि सत्ताधारी दल का वह सीटिंग सीट है। वहीं, कई ऐसी भी सीटें हैं, जिसे लोजपा लेना चाहती है लेकिन जदयू ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सीटिंग सीट छोड़ने वाला नहीं है। जदयू लोजपा को तवज्जो नहीं देने का मन बना लिया है और बता भी दिया है।
नीतीश सरकार पर आक्रामक हैं चिराग
लिहाजा लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान काफी दिनों से बिहार की सरकार और सुशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। वे लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि बिहार में 15 सालों के शासनकाल में कई क्षेत्रों में विकास न के बराबर हुए हैं। वे लगातार शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर नीतीश सरकार को टेंशन देते रहते हैं। लोजपा यह कहते रही है कि भले ही दावा सुशासन का किया जाता हो लेकिन बिहार की स्थिति बिल्कुल उलट है। चिराग पासवान के आक्रामक रवैए और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू चिराग पर सीधा अटैक करने से बाज नहीं आ रही। चिराग को तो यहां तक कह दिया गया कि वे जिस डाली पर बैठे हैं, उसी को काट रहे हैं यानी वह कालिदास हैं।
इन 20 सीटों पर जेडीयू ने लोजपा को हराया था
हम आपको बता दें कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर जदयू के हाथों लोजपा प्रत्याशी की हार हुई थी, उनमें बेलसंड, बाबूबरही, त्रिवेणीगंज, ठाकुरगंज, आलमनगर, सिमरी बख्तियारपुर, कुशेश्वर स्थान, गौरा बौराम, हायाघाट, कुचायकोट, बड़हरिया, कल्याणपुर, वारिसनगर, चेरिया बरियारपुर, बेलदौर, नाथनगर, जमालपुर, अस्थामा, हरनौत और रफीगंज शामिल हैं।