पटना, 13 अक्टूबर (हि.स.) । बिहार विधानसभा चुनाव के बढ़ते तापमान के बीच एनडीए के दो प्रमुख घटक दल भाजपा और जनता दल यूनाइटेड में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाइयों का दौर भी शुरू हो चुका है। भाजपा के बाद अब जदयू ने भी अपने 15 नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। बता दें कि सोमवार को भाजपा ने अपने उन नौ नेताओं को निलंबित कर दिया है जिन्होंने भाजपा छोड़ लोजपा व अन्य दलों के अलावा निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने का फैसला कर लिया है।
जदयू ने अपने जिन नेताओं पर कार्रवाई की है, उनमें डुमरांव के वर्तमान पार्टी विधायक ददन पहलवान, पूर्वमंत्री भगवान सिंह कुशवाहा समेत 15 नेता शामिल हैं। इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कार्रवाई की गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने इन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है।
जदयू के जिन 15 नेताओं को पार्टी से निलंबित किया गया है उनमें ददन सिंह यादव, भगवान सिंह कुशवाहा, रामेश्वर पासवान, रणविजय सिंह, सुमित कुमार सिंह, कंचन कुमारी गुप्ता, प्रमोद सिंह चंद्रवंशी, अरुण कुमार, तजम्मुल खां, अमरेश चौधरी, शिवशंकर चौधरी, सिंधु पासवान, राकेश रंजन, करतार सिंह यादव, मुंगेरी पासवान शामिल हैं। इससे पहले सोमवार को भाजपा ने भी अपने नौ बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। पार्टी से निकाले गये नेताओं में राजेंद्र सिंह से लेकर रामेश्वर चौरसिया और उषा विद्यार्थी जैसे कद्दावर नेता शामिल हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल द्वारा जारी पत्र के मुताबिक पार्टी ने वर्ष 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे राजेंद्र सिंह, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव रामेश्वर चौरसिया, पूर्व विधायक डॉ उषा विद्यार्थी, विधायक रवीन्द्र यादव, श्वेता सिंह, इंदु कश्यप, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पत्र में कहा गया है कि ये सभी लोग एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पार्टी और एनडीए की छवि धूमिल हो रही है। लिहाजा उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला लिया गया है।