पटना, 30 जुलाई (हि.स.)। बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 31 जुलाई को दिल्ली में होगी। बैठक में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की संभावना जताई जा रही है।
बैठक में हिस्सा लेने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मानसून सत्र की समाप्ति होते ही आज शाम दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इसमें सदस्यता अभियान की रुपरेखा, सांगठनिक चर्चा के अलावा आने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर बात होगी।
जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) के केंद्र में मंत्री बनने के बाद एक पद एक फार्मूले के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ेंगे। जदयू के अनुसार नीतीश कुमार अगड़ी जाति से आने वाले ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना सकते हैं। बताया गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में मुंगेर से सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के अलावा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का नाम आगे चल रहा है। इनमें से किसी एक नेता को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
कहा यह भी जा रहा है कि यदि किसी के नाम पर कोई सहमति नहीं बनी तो कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं। इसमें खुद सीएम नीतीश कुमार और जदयू के वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह का नाम सामने आ रहा है।
नीतीश कुमार जातीय समीकरण को साधने में माहिर हैं। हाल के दिनों में अगड़ी जाति की नाराजगी उन्हें झेलनी पड़ी है। ऐसे में अगड़ी जाति के लोगों को संतुष्ट करने के लिए सीएम नीतीश कुमार उनके संघर्ष के साथी ललन सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल का जब विस्तार हुआ तो ललन सिंह को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया।
ऐसे में संभावना है कि इन्हें यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। नीतीश कुमार राजनीतिक-सामाजिक-जातिगत समीकरण को साधने के साथ पार्टी के सर्वोच्च पद पर अपने विश्वस्त को ही बैठाना चाहते हैं। इस कारण भी ललन सिंह रेस में सबसे आगे हैं।