आरा,24 जनवरी(हि. स)।वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलपति प्रो.देवी प्रसाद तिवारी पर बिहार विधान परिषद के सदस्य संजीव श्याम सिंह ने कई आरोप लगाते हुए बिहार के राज्यपाल सह राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति को पत्र भेजा है। विधान पार्षद संजीव श्याम ने कुलाधिपति को भेजे पत्र में कहा है कि प्रो.तिवारी ने 11 मार्च 2020 को लखनऊ विवि के कुलसचिव को आवेदन लिखकर 12 मार्च 2020 से 30 जून 2021 तक के लिए असाधारण अवकाश की मांग की थी। प्रो.तिवारी के आवेदन पर 18 मार्च 2020 को लखनऊ विवि के कुलसचिव ने अपने पत्रांक जे 7498 दिनांक 18 मई 2020 को प्रो.तिवारी को पत्र भेजकर सूचित किया कि लखनऊ विवि के वितीय अनियमितता के मामले में उनपर कुलाधिपति उत्तरप्रदेश के आदेश से जांच चल रही है और ऐसे में उनके आवेदन पर कार्रवाई नही की जा सकेगी।
प्रो.तिवारी के असाधारण अवकाश के आवेदन को लखनऊ विवि ने अस्वीकृत कर दिया है। विधान पार्षद ने अपने पत्र में कहा है कि ऐसे में बिहार के वीर कुंवर सिंह विवि आरा में कुलपति के पद पर प्रो.तिवारी के कार्य करने से वैधानिक संकट कायम हो गया है। विधान पार्षद संजीव श्याम ने कुलाधिपति का इस तरफ ध्यान आकृष्ट कराया है कि असाधारण अवकाश स्वीकृत नही होने के बाद कुलपति के पद पर कार्य करना असंवैधानिक तो है ही साथ ही कुलपति का लिया गया सारा निर्णय विधि मान्य नही है। उन्होंने आठ लाख उत्तरपुस्तिकाओं की खरीद मे अनियमितता बरतने,आउटसोर्सिंग पर तृतीय वर्ग के कर्मियों की नियुक्ति कर उन्हें भुगतान करना जैसे कई अनियमितताओं की तरफ कुलाधिपति का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्हें कुलपति के पद से हटाने की मांग की है।
सूत्र बताते हैं कि विधान पार्षद संजीव श्याम ने विधान परिषद के आगामी सत्र के दौरान वीर कुंवर सिंह विवि आरा के कुलपति के ऐसे मामलों को प्रमुखता के साथ उठाये जाने की रणनीति बनाई है और विधान परिषद के कई सदस्य भी सदन में इस मामले का समर्थन कर सकते हैं।
विधान पार्षद संजीव श्याम ने इस मामले को एक जनप्रतिनिधि के नाते अपने अधिकारों का हनन बताते हुए इसे प्रतिष्ठा का मामला बनाया है और किसी भी स्तर तक वे विधान परिषद में इस मामले को उठाने और कार्रवाई कराने को ले जा सकते हैं। विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह की सदन में भरी जाने वाली हुंकार को राजद और विपक्ष से जुड़े सदस्य हवा देने में जुट गए हैं।