जदयू विधायक महेश्वर हजारी के विरुद्ध विधानसभा उपाध्यक्ष के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया भूदेव चौधरी ने
पटना, 23 मार्च (हि.स.)।जनता दल यूनाइटेड (जदयू)से समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर विधानसभा सीट से विधायक और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी ने विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है।उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने आज अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, शिक्षा मंत्री विजय चौधरी और जदयू के विधानपरिषद (एमएलसी) सदस्य संजय गांधी भी मौजूद थे।
जदयू की तरफ से इस पद पर महेश्वर हजारी के नामांकन दाखिल करने के एक घंटा बाद ही अब राजद की तरफ से भूदेव चौधरी ने भी अपना पर्चा भर दिया है। भूदेव चौधरी ने विधानसभा सचिव के सामने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। पहले यह माना जा रहा था कि राजग उम्मीदवार के तौर पर जदयू के विधायक महेश्वर हजारी इस पद पर निर्विरोध चुने जाएंगे लेकिन अब राजद ने उनके सामने अपना उम्मीदवार उतार कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है।हालांकि आंकड़ों के लिहाज से राजग गठबंधन के पास जीत के लिए नंबर है लेकिन भूदेव चौधरी के नामांकन के बाद अब विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन की उम्मीद खत्म हो गई है।
विधानसभा सचिव के सामने भूदेव चौधरी ने महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है। इस मौके पर उनके साथ राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ललित यादव, आलोक मेहता के साथ-साथ वामदलों के नेता भी मौजूद रहे। अब नामांकन पत्र वापसी की समय सीमा खत्म होने के बाद अगर दोनों उम्मीदवारों का नामांकन सही पाया जाता है तो विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव मत विभाजन से होगा।
विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए अधिसूचना सोमवार की शाम विधानसभा सचिव ने जारी कर दी थी। आज नामांकन पत्र दाखिल करने का दिन है और समय सीमा खत्म होने के बाद निर्वाचन की घोषणा की जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष का पद पहले ही भाजपा के पास है। विजय कुमार सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष चुने जा चुके हैं और अब विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा सचिव राजकुमार सिंह ने उपाध्यक्ष चुनाव के लिए सोमवार की शाम अधिसूचना जारी की थी। महेश्वर हजारी साल 2005 से लगातार निर्वाचित होते रहे हैं। फरवरी और नवम्बर 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी उसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर वह संसद पहुंचे थे। 2014 तक के संसद में रहने के बाद 2015 में वह वापस विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की। पिछली सरकार में वह मंत्री के पद पर भी रहे और अब उन्हें उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा रही है।महेश्वर हजारी से पहले उपाध्यक्ष की कुर्सी पर रहे अमरेंद्र प्रताप सिंह 7 अगस्त 2012 से 14 नवंबर 2015 तक इस पद पर थे। बिहार विधानसभा के पहले उपाध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्धकी बने थे।