पटना, 28 सितम्बर (हि.स.) । बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का एलान होने के साथ ही सियासी दलों के भीतर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं। बिहार में सत्तारूढ़ जदयू के भीतर भी सियासी हलचल तेज हो गयी है। अपनी पार्टी को बड़ी सफलता दिलाने के लिहाज से जदयू के वरिष्ठ नेता संगठन की ओर से सौंपी गयी जिम्मेदारियों को पूरा करने के प्रयास में हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से पार्टी के छह नेताओं को खास जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह, आरसीपी सिंह, विजय चौधरी, वशिष्ठ नारायण सिंह, अशोक चौधरी व संजय झा को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं। सूत्रों की मानें तो ललन सिंह को पार्टी सीटों पर तालमेल बनाने और दूसरे दलों से जदयू में आने वाले नेताओं से बातचीत का जिम्मा मिला है। इसके साथ ही, सीट बंटवारे जैसे मुद्दे पर पार्टी का दायरा निर्धारित करने की जिम्मेदारी भी उन्हें सौंपी गयी है। सीट शेयरिंग को लेकर एनडीए में शामिल अन्य सहयोगी दलों से बातचीत में उनकी अहम भूमिका रहेगी।
वहीं, राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह को टिकट बंटवारे से जुड़े मामले और बूथ मैनेजमेंट जैसी अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उल्लेखनीय है कि आरसीपी सिंह के पास बतौर नौकरशाह लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है और उन्हें जदयू का जमीनी नेता माना जाता है। विजय चौधरी को जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के प्रोफाइल को जांचने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अगर उम्मीदवार दमदार दिखे, तो टिकट फाइनल करने की प्रक्रिया में विजय चौधरी की भूमिका अहम मानी जायेगी। उधर, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को ओवरऑल मॉनटरिंग करने का जिम्मा सौंपा गया है। वशिष्ठ नारायण सिंह को पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं तथा नीतीश कुमार के बीच कड़ी माना जाता हैं। बताया जाता है कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक अपनी बात वशिष्ठ नारायण सिंह के माध्यम से ही पहुंचाते हैं। उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें यह अहम जिम्मेदारी मिली है। अशोक चौधरी के ऊपर पार्टी का पूरा दारोमदार है। अशोक चौधरी को हाल ही में जदयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें नीतीश कुमार का बेहद करीबी भी माना जाता है।
संजय झा के जिम्मे सोशल मीडिया को मैनेज करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जदयू की वर्चुअल रैली को सफल बनाने का श्रेय उन्हें ही जाता है।