नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को जापान के रक्षा मंत्री किशी नोबुओ से फोन पर बात की। भारत और जापान के रक्षामंत्रियों ने दोनों देशों के बीच चल रहे रक्षा सहयोग पर संतोष जताया। रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि भारत विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी ढांचे के तहत जापान के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों रक्षा मंत्रियों ने क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों और रक्षा सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया और आगे भी निरंतर सहयोग पर सहमति जताई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टेलीफोनिक वार्ता के दौरान सबसे पहले जापानी रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्ति होने पर किशी को बधाई दी। दोनों मंत्रियों ने सितम्बर में जापान और भारत के बीच हुए अधिग्रहण और क्रॉस-सर्विसिंग समझौता (एसीएसए) पर हस्ताक्षर करने, नवम्बर में क्वाड समूह के देशों के साथ नौसेना अभ्यास ‘मालाबार’ के सफल समापन पर ख़ुशी जताई। इस नौसैन्य अभ्यास में भारत और जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाएं भी शामिल हुई थीं। दोनों रक्षा मंत्रियों ने इस तथ्य का स्वागत किया कि कोविड-19 महामारी के बावजूद द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रक्षा सहयोग के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया गया है।
दोनों मंत्रियों ने पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय स्थितियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और आगे भी सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई। भारत और जापान ने समुद्री क्षेत्र में होने वाली घटनाओं की जानकारी मिलने पर एक-दूसरे को आदान-प्रदान जारी रखने की अपनी मंशा व्यक्त की पुष्टि की, ताकि जोर-जबर्दस्ती या तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि द्वारा एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जा सके। उन्होंने कानून के शासन के आधार पर स्वतंत्र और खुले समुद्री आदेश के महत्व को उजागर करने पर भी विचार साझा किए।
इसके अलावा दोनों मंत्रियों ने उन संक्रामक रोगों से होने वाले जोखिमों के खिलाफ सहयोग करने पर चर्चा की, जो शांति और सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। जापानी रक्षा मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान मानवीय सहायता और आपदा प्रतिक्रिया संचालन में हुए अनुभवों को साझा करने, अपने अनुभवों से तीसरे देश की मदद करने और महामारी का मुकाबला करने के लिए एक साथ काम करने सहित नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के प्रयासों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा। इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने जापानी रक्षा मंत्री के प्रस्ताव का समर्थन किया और साथ काम करने का सुझाव दिया। दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि वे रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना जारी रखेंगे और संबंधित रक्षा अधिकारियों के बीच घनिष्ठ संचार बनाए रखते हुए ओपन इंडो-पैसिफिक को और मजबूत बनाएंगे।