जामनगर/अहमदाबाद, 17 अगस्त (हि.स.)। अफगानिस्तान में एक बार फिर तालिबानों का कब्जा हो जाने से वहां दहशत का माहौल बना हुआ है। ऐसी चिंताजनक स्थिति में भारत ने अफगानिस्तान में रहने वाले नागरिकों को वापस लाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। मंगलवार को एक भारतीय वायु सेना का विमान भारतीय राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों के साथ भारतीय दूतावास की सुरक्षा में तैनात भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जवान लेकर जामनगर पहुंचा। अपनी जमीन पर कदम रखते हुए इन भारतीयों के चेहरों पर खुशी की लहर थी। पूरा एयरपोर्ट भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा।
अफगानिस्तान में स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने वहां काम कर रहे अपने सरकारी कर्मचारियों, विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे लोगों को सुरक्षित लाने के प्रयास शुरू कर दिए थे। आज जामनगर एयरपोर्ट पर सी-17 विमान में कुल 150 लोग भारत लाए गए। इनमें अफगानिस्तान में स्थित भारत के राजदूत रुडेंद्र टंडन के अलावा दूतावास के तमाम कर्मचारी शामिल थे जामनगर एयरफ़ोर्स बेस पर स्थानीय नेताओं ने उनका स्वागत किया। उन्होंने अफगानिस्तान में असामान्य स्थिति के बीच भारतीय लोगों को सर लाने के लिए भारतीय वायु सेना को भी धन्यवाद दिया। जामनगर वायु सेना स्टेशन पर उतरने के बाद विमान के यात्रियों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। काबुल से लौटने वाले अधिकांश कर्मचारियों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने कहा, ”अगर मोदी हैं तो मुमकिन है।” उन्होंने सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद भी दिया।
इस विमान से अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले रहे आईटीबीपी के जवान भी लौट कर आए हैं। काबुल में तेजी से बदलती स्थिति के बीच आईटीबीपी के जवानों ने भारतीय दूतावास के कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ हवाई अड्डे तक सुरक्षित पहुंचाने और भारत वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत लौटे एक आईटीबीपी कमांडो का कहना है कि वहां इतनी विस्फोटक स्थिति थी कि उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।बताया गया कि अफगानिस्तान से लौटे लोगों को दो अन्य विमानों से हिंडन एयरपोर्ट गाजियाबाद के लिए भेजा गया है।