नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने कोरोना और देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बालक और बालिका छात्रावासों में फंसे बिहार और पश्चिम बंगाल के 130 विद्यार्थियों को पांच विशेष बसों से उनके घरों के लिए रवाना किया। छात्रों के साथ हर बस में यूनिवर्सिटी के दो गार्ड (पूर्व सैन्यकर्मी) भी गए हैं।
विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी एवं मीडिया समन्वयक अहमद अज़ीम ने शुक्रवार को बताया कि ये बसें कटिहार, पूर्णिया, मुज़फ़्फ़रपुर, नालंदा और भागलपुर ज़िलों के लिए गुरुवार को रवाना हुईं। पश्चिम बंगाल के 3 छात्र भी कटिहार जाने वाली बस से गए हैं। वे वहां से अपने इंतज़ाम से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना होंगे। ये पांच नियत स्थान बिहार के 30 ज़िलों को कवर करेंगे। छात्र बस के गंतव्य ज़िलों में से अपने गृह जिले की नज़दीकी के मुताबिक किसी नियत स्थान पर उतरेंगे।
विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर ने संबंधित छात्रों के यात्रा विवरण के बारे में, बिहार सरकार और सभी 30 जिलों के स्थानीय प्रशासन को भी अवगत करा दिया है। लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय बंद है और हाॅस्टल में फंसे छात्रों के अनुरोध पर जामिया ने बिहार और दिल्ली की सरकारों के अधिकारियों के साथ ताल-मेल करके विशेष बसों से उनकी यात्रा के लिए अनुमति ली।
कॉरोना वायरस से संबंधित बुखार या अन्य लक्षणों की जांच और बाकी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए छात्रों को पहले दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। विश्वविद्यालय द्वारा भोजन के पैकेट, पानी की बोतलें, हैंड सैनिटाइज़र और फेस मास्क भी मुहैया कराए गए। कैंपस से निकलने से पहले बसों को पूरी तरह से सैनिटाइज़ किया गया।
कुलपति प्रो नजमा अख़्तर ने संतोष व्यक्त किया और उम्मीद जताई कि ये छात्र अपने अपने घर सुरक्षित पहुंचेंगे और जम्मू कश्मीर तथा झारखंड के छात्रों की तरह अपने परिवार के साथ होंगे। इससे पहले उक्त दोनों राज्यों के छात्रों को भी उनके घर भेजने की जामिया ने विशेष व्यवस्था की थी।
छात्रों की मदद करने के लिए डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्ल्यू) और उनकी टीम, चीफ प्रॉक्टर और उनकी टीम, प्रोवोस्ट्स और वार्डन और प्रशासनिक कर्मचारी डीएसडब्ल्यू कार्यालय में मौजूद थे। इस कार्यालय से स्क्रीनिंग सेंटर के लिए बसें रवाना हुई। स्क्रीनिंग सेंटर में भी छात्रों की जांच प्रक्रिया के वक़्त, चीफ प्रॉक्टर प्रो वसीम ए खान और अन्य शिक्षक मौजूद थे। कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय बंद है लेकिन ऑनलाइन शिक्षण और मूल्यांकन चल रहा है।
हालात सामान्य होने पर विश्वविद्यालय नियमित छात्रों के लिए अगस्त 2020 में फिर से खुल जाएगा। इन हालात के चलते हॉस्टल में रहने वाले छात्रों द्वारा अपने घरों को जाने की इच्छा व्यक्त करने पर, विश्वविद्यालय संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय करके उनकी यात्रा की व्यवस्था कर रहा है।