नई दिल्ली, 14 नवम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पाकिस्तान से लगे जैसलमेर (राजस्थान) बॉर्डर की लोंगेवाला चौकी पर देश के जवानों के साथ दिवाली मनाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप भले ही बर्फीली पहाड़ी पर रहें या फिर रेगिस्तान में लेकिन मेरी दिवाली आपके बीच आकर पूरी होती है। आपके चेहरे की रौनक देखकर मेरी खुशी बढ़ जाती है। मैं देश के उल्लास को आप तक पहुंचाने के लिए आपके बीच मिठाई लेकर आया हूं। यह मिठाई प्रधानमंत्री की तरफ से नहीं बल्कि इस मिठाई में आप देश की हर मां के हाथ की मिठास महसूस कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी वीरों को 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से दिवाली की बधाई। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सरहद, आसमान या फिर समंदर की रक्षा में जुटे हुए देश की बेटियों और बेटे को दिवाली के इस पावन पर्व पर नमन करता हूं। जिनके अपने बेटे या बेटी दिवाली के दिन सरहद पर तैनात हैं, वो अभिनंदन के हकदार हैं। मुझे याद है कि जब मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार दिवाली मनाने के लिए सियाचिन गया था तो बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ था लेकिन मैं हर साल दिवाली के दिन अपनों के बीच जाता हूं, इसीलिए इस दिवाली पर भी अपनों के बीच आया हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमालय की बुलंदियां हों, रेगिस्तान का विस्तार हो, घने जंगल हों या फिर समंदर की गहराई हो, हर चुनौती पर हमेशा आपकी वीरता भारी पड़ी है। दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की सीमा की सुरक्षा करने से रोक नहीं सकती है। जवानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपके इसी शौर्य को नमन करते हुए आज भारत के 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। आज हर भारतवासी को अपने सैनिकों की ताकत और शौर्य पर गर्व है। उन्हें आपकी अजेयता पर, आपकी अपराजेयता पर गर्व है। दुनिया का इतिहास हमें ये बताता है कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रहे हैं, वही राष्ट्र आगे बढ़े हैं, जिनके भीतर आक्रांताओं का मुकाबला करने की क्षमता थी।
प्रधानमंत्री ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आज पूरा विश्व विस्तारवादी ताकतों से परेशान हैं।विस्तारवाद, एक तरह से मानसिक विकृति है और 18वीं शताब्दी की सोच को दर्शाती है। इस सोच के खिलाफ भी भारत प्रखर आवाज बन रहा है। आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि ये देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर रत्ती भर भी समझौता करने वाला नहीं है। भारत का ये रुतबा, ये कद आपकी शक्ति और आपके पराक्रम के ही कारण है। आपने देश को सुरक्षित किया हुआ है, इसीलिए आज भारत वैश्विक मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है। हाल ही में हमारी सेनाओं ने निर्णय लिया है कि वो 100 से ज्यादा हथियारों और साजो-सामान को विदेश से नहीं मंगवाएगी। मैं सेनाओं को इस फैसले के लिए बधाई देता हूं। सेना के इस फैसले से देशवासियों को भी लोकल के लिए वोकल होने की प्रेरणा मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौजवानों से देश की सेनाओं के लिए निर्माण करने का आह्वान करते हुए कहा कि हाल के दिनों में अनेक स्टार्ट्स-अप्स सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए आगे आए हैं। डिफेंस सेक्टर में नौजवानों के नए स्टार्ट-अप्स देश को आत्मनिर्भरता के मामले में और तेजी से आगे ले जाएंगे। सीमा पर रहकर आप जो त्याग करते हैं, तपस्या करते हैं, वो देश में एक विश्वास पैदा करता है। ये विश्वास होता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का मुकाबला किया जा सकता है। आपसे मिली इसी प्रेरणा से देश महामारी के इस कठिन समय में अपने हर नागरिक के जीवन की रक्षा में जुटा हुआ है। इतने महीनों से देश अपने 80 करोड़ नागरिकों के भोजन की व्यवस्था कर रहा है लेकिन इसके साथ ही देश, अर्थव्यवस्था को वापस गति देने का भी पूरे हौसले से प्रयास कर रहा है।