यूनेस्को ने जयपुर शहर को दिया विश्व धरोहर का दर्जा

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प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जयपुर संस्कृति और वीरता से जुड़ा शहर है। भव्य और ऊर्जावान जयपुर का आतिथ्य सभी को आकर्षित करता है।



जयपुर, 06 जुलाई (हि.स.)। अपने अनुपम सौंदर्य, किलों-महलों तथा ऐतिहासिक चारदीवारी के लिए विश्वभर में मशहूर जयपुर शहर को विश्व धरोहर का दर्जा मिला है। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने शनिवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जयपुर के मेयर विष्णु लाटा ने जयपुर शहर को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने पर खुशी जताते हुए जयपुर वासियों को बधाई दी है।
जयपुर शहर को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने का फैसला यूनेस्को की अजरबैजान की राजधानी बाकू में चल रही बैठक में किया गया। यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति ने शहर के चारदीवारी इलाके यानि पुराने शहर को विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। बैठक में शामिल 21 में से 16 देशों ने जयपुर के समर्थन में वोट किया। बाकू में चल रही बैठक में जयपुर निगम के आयुक्त वीपी सिंह मौजूद थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जयपुर संस्कृति और वीरता से जुड़ा शहर है। भव्य और ऊर्जावान जयपुर का आतिथ्य सभी को आकर्षित करता है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्विट कर कहा कि गुलाबी नगरी के लिए यह गर्व की बात है। इससे राजस्थान में पर्यटन व्यवसाय बढ़ेगा। इस फैसले से स्थानीय अर्थव्यवस्था को तो फायदा होगा ही, आधारभूत सुविधाएं भी बेहतर होंगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर को गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। जयपुर का अर्थ है- जीत का नगर। इसे कुशवाह राजपूत राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1727 में बसाया था। उस समय का यह प्रथम नगर था जो योजनाबद्ध ढ़ंग से बसाया गया था। वास्तु शिल्पी विद्याधर भट्टाचार्य ने इसका ख़ाका तैयार किया था। मुगलों ने जो भवन बनवाए उनमें लाल पत्थर का उपयोग किया, जबकि राजा जयसिंह ने पूरे नगर को गुलाबी रंग से पुतवाया। इसके कारण जयपुर को गुलाबी नगर कहा जाता है। आमेर किला, जयगढ़ किला, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, जंतर-मंतर, हवा महल, सरगासूली जयपुर की मशहूर हैरिटेज साइट हैं।

 


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