बंगाल के दमाद जेपी नड्डा के साथ कोलकाता में हुए बर्ताव पर उठ रहे सवाल

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कोलकाता, 13 (हि.स.)।  भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा का बंगाल कनेक्शन उजागर होते ही कोलकाता में उनके साथ हुए बर्ताव को लेकर बंगाली समाज में सवाल उठने लगे हैं।  भाजपा अध्यक्ष के बंगाल दौरे से लौटते ही  उनकी पत्नी ने शादी की सालगिरह पर बंगाली दूल्हे के रूप में तैयार भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की एक तस्वीर साझा की है। इसके बाद बंगाल के बुद्धिजीवियों में यह चर्चा  का विषय बन गया है कि आखिर नड्डा के साथ ममता बनर्जी के शासन में जो बर्ताव किया गया  उससे बंगाल की अतिथि देवो भवः वाली संस्कृति को  ठेस पहुंचा है। गत बुधवार को वह दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता आए थे और गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के संसदीय क्षेत्र डायमंड हार्बर में उनके काफिले पर पथराव हुआ था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पथराव करने वाले लोगों में अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग शामिल थे जिन्होंने बाद में वीडियो संदेश जारी कर कहा कि अभी गाड़ी तोड़ी है, बाद में हाथ पैर तोड़ देंगे। वीडियो जारी करने वालों में तृणमूल कांग्रेस के नेता और कट्टरपंथी ग्यासुद्दीन मोल्ला भी थे जिनके खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। उल्टे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर सत्तारूढ़ पार्टी के कई शीर्ष नेता जेपी नड्डा को “बाहरी” करार दे चुके हैं। इसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि ‘बंगाल के दामाद’ नड्डा के प्रति ऐसा आचरण कहां तक उचित है?

आचार्य कृपलानी ने बंगाल की सुचेता से शादी की थी। कृपलानी को कभी ‘बाहरी’ नहीं कहा गया! कई गैर-बंगाली, जो राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं, ने अलग-अलग समय में बंगाल की लड़कियों से शादी की। बंंगाल ने  उन्हें हमेशा ‘दामाद’ के रूप में सम्मान   दिया।
क्रिकेटर अशोक मल्होत्रा ​​से लेकर अमिताभ बच्चन तक सूची लंबी है। तो अब जगत प्रकाश नड्डा को ही क्यों  ‘बाहरी’ करार दिया जा रहा है?
दो दिन पहले, राज्य के सत्ताधारी दल के समर्थकों द्वारा नड्डा के काफिले पर किये गये  हमले को देखकर पूरा देश स्तब्ध रह गया था। किसी भी टीएमसी नेता ने खेद नहीं जताया। इसके विपरीत जनसभा में मुख्यमंत्री ने उन्हें चड्डा, नड्डा, फड्डा, वड्डा कहकर मजाक बनाया। वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बसु ममता के बयान की आलोचना करते हुए कहा  – “जिस राज्य की मुख्यमंत्री किसी पर हमला होने पर ऐसी बातें करती हो वहां कुछ भी कहना गवारा नहीं है। चड्डा का अर्थ पंजाबी होता है। चड्डा-मड्डा-फड्डा, मुख्यमंत्री ने इस लय में जो कहा है, उसके परिणाम बुरे होंगे। यह मुद्दा राष्ट्रीय एकता के लिए भी खतरनाक है।” हमले के बाद नड्डा ने कहा था, “मां दुर्गा की कृपा से, मैं किसी तरह जिंदा बचा हूं।”
 शुक्रवार को जगत प्रकाश नड्डा की शादी की सालगिरह थी। उसी दिन, उनकी पत्नी ने फेसबुक पर शादी की तस्वीरों का एक कोलाज अपलोड किया। वहां नड्डा धोती-पंजाबी टॉपर पहने नजर आए। और सिर पर शोले का मुकुट, लाल चीली। नड्डा युगल पारंपरिक  बंगाली दूल्हा -दुल्हन के रूप में परिधान में नजर आ रहे  हैं। नड्डा की पत्नी मल्लिका बनर्जी के पिता  सुभाष चंद्र बनर्जी और  मां जयश्री बनर्जी मल्लिका ब्राम्हण थे। हालांकि बंगाल से उनका अधिक सम्पर्क नहीं रहा और उनका ज्यादातर समय जबलपुर में बीता। मल्लिका  ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पढ़ाई की। तब वह सामाजिक कार्यों में शामिल थी। 1991 में नड्डा से उनकी शादी हुई थी। दूसरे शब्दों में, हिमाचल निवासी जेपी नड्डा वास्तव में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार के दामाद हैं। बंगाल में दामाद का सम्मान बहुत अधिक रहता है। वैसे भी बंगाली सभ्यता और संस्कृति अतिथियों के सम्मान के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। ऐसे राज्य में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ और राज्य की मुखिया ने जैसा मजाक बनाया उसे लेेकर संभ्रांत और संवेदनशील बंगाली समाज में अपराध बोध का होना अनपेक्षित नहीं है। सोशल मीडिया में मल्लिका के पोस्ट पर आये ढेरों कमेन्ट देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा अध्यक्ष के साथ बंगाल में जो कुछ हुआ वह ज्यादातर बंगालियों को नागवार गुजरा है।

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