महाराष्ट्रः अनिल देशमुख के ठिकानों पर लगातार दूसरे दिन आयकर के छापे
नागपुर, 18 सितम्बर (हि.स.)। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के आवास और अन्य ठिकानों पर शनिवार को लगातार दूसरे दिन आयकर विभाग ने छापेमारी की। नागपुर के मिडास बिल्डिंग में स्थित साई शिक्षा संस्थान के कार्यालय और अन्य कुछ जगहों पर आयकर के अधिकारियों ने दबिश दी। इस दौरान आयकर टीम की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के जवान तैनात थे।
आयकर विभाग ने इस कार्रवाई की कोई जानकारी मीडिया के साथ साझा नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि अनिल देशमुख के नागपुर स्थित आवास के साथ-साथ उनकी अन्य संपत्तियों पर आयकर विभाग ने शुक्रवार को 16 घंटे तक छापेमारी की थी। आयकर विभाग की एक टीम छापेमारी के बाद शनिवार तड़के करीब तीन बजे अनिल देशमुख के घर से निकली थी। पता चला है कि अनिल देशमुख से संबंधित कुछ जरूरी कागजात और फाइलें आयकर के अधिकारी अपने साथ ले गए। आयकर की टीम ने छापेमारी से चार-पांच घंटे की ब्रेक लेने के बाद लगातार दूसरे दिन छापेमारी शुरू कर दी। खबर लिखे जाने तक छापेमारी जारी थी।
तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के 100 करोड़ रुपये अवैध वसूली के आरोप के बाद विगत अप्रैल में इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद ईडी और सीबीआई ने मामले का संज्ञान लेते हुए देशमुख के खिलाफ जांच शुरू कर दी। कुछ दिन पहले ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में अनिल देशमुख की संपत्ति पर भी छापेमारी की थी। विगत 25 मार्च को सीबीआई ने पहली बार नागपुर में अनिल देशमुख के घर पर छापा मारा। वहीं 24 अप्रैल को ईडी ने पहली बार अनिल देशमुख के आवास पर छापा मारा। देशमुख को पूछताछ के लिए 5 बार समन भेजा जा चुका है। हालांकि देशमुख अभी तक ईडी के कार्यालय में पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं। इसके अलावा आयकर विभाग की छापेमारी से अब देशमुख की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ईडी ने दो महीने पहले अनिल देशमुख की चार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थी।
देशमुख के खिलाफ ईडी ने कोर्ट का किया रुख
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पांच समन भेजे जाने के बावजूद अनिल देशमुख के उपस्थित नहीं होने पर जांच एजेंसी ने अब स्पेशल कोर्ट का रुख किया है। ईडी ने शुक्रवार को कोर्ट में याचिका दायर की और देशमुख के खिलाफ आईपीसी की धारा 174 (लोक सेवक के आदेश का पालन न करते हुए अनुपस्थित रहना) के तहत कार्रवाई की मांग की है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर एक महीने की कारावास या पांच सौ रुपये का अर्थदंड अथवा दोनों सजाओं का प्रावधान है।