दिल्ली में घुट रहा दम, जरूरत हो तभी घर से निकलें !
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में इन दिनों सांस लेना दूभर हो रहा है । दिल्ली -एनसीआर इन दिनों गैस चेंबर बना हुआ है । यहां प्रदूषण कितना बढ़ गया है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शुक्रवार सुबह 7 बजे औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एक्यूआई 441 दर्ज किया गया जो गंभाीर श्रेणी में आता है । दिल्ली -एनसीआर में एक्यूआई 400 से 500 के बीच है। कई इलाकों में एक्यूआई 450 पार चला गया। इससे लोगों खासकर सांस के मरीजों और बच्चों की परेशानी बढ़ गई ।
हालात को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तीसरे चरण यानि ग्रैप 3 को लागू कर दिया है । दिल्ली सरकार ने स्कूलों से 5वीं कक्षा तक बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था करने को कहा है ।
इन लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत
दिल्ली -एनसीआर में रहनेवाले लोगों के लिए प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गई है । घर से बाहर निकलते ही घुटन और आंखों में जलन होने लगता है । ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों से बिना जरूरत घर से बाहर न निकलने की सलाह दे रहे हैं । खासतौर से बीमार लोगों, सांस के मरीजों , बुजुर्गों और बच्चों को सावधानी बरतने की की सलाह दी जा रही है ।
किन इलाकों में कितना प्रदूषण ?
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 441 दर्ज किया गया। सुबह 6.30 बजे आईजीआई एयरपोर्ट पर दृश्यता लगभग 500 मीटर रही । आनंद विहार में एक्यूआई 441, नरेला में 429, पंजाबी बाग में 443 और नजफगढ़ में 403 दर्ज किया गया। वहीं, अशोक विहार में 440, आया नगर में 417, बवाना में 455, बुराड़ी में 383, चांदनी चौक में 347, द्वारका सेक्टर-8 में 444, आईजीआई एयरपोर्ट में 446, दिलशाद गार्डन में 369, आईटीओ में 458 और जहांगीरपुरी में एक्यूआई 458 दर्ज किया गया।
आपको बता दें यदि एक्यूआई जीरो से 50 के बीच है तो ‘अच्छा’ माना जाता है । 51 से 100 एक्यूआई होने पर ‘संतोषजनक’ माना जाता है । 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’ और 201 से 300 के बीच हो तो उसे ‘खराब’ माना जाता है। एक्यूआई यदि 301 से 400 के बीच हो तो ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है । ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से ग्रैप का तीसरा चरण लागू किया जाता है ।
ग्रैप क्या होता है?
ग्रैप का फुल फॉर्म होता है ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान । इसके तहत वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कदम उठाए जाते हैं । ग्रैप के चार चरण होते हैं । प्रदूषण की गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग चरण लागू किए जाते हैं । ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है । AQI 301 से 400 तक रहने पर दूसरा चरण , AQI 401 से 450 तक रहने पर तीसरा चरण और AQI के 450 से उपर जाने पर ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है । इसके तहत प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सरकार की ओर से कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं ।
ग्रैप 3 लागू होने पर क्या-क्या होती है पाबंदियां ?
दिल्ली -एनसीआर में ग्रैप 3 लागू कर दिया गया है । इसका मतलब ये है कि यहां प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है । ग्रैप 3 लागू होने के बाद वाहनों की आवाजाही पर कई तरह की पाबंदिया लगाई गई है ।
दिल्ली -एनसीआर में आने वाली सभी अंतरराज्यीय बसों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। साथ ही बीएस-3 वाहनों और डीजल वाहनों के चलने पर भी रोक रहेगी । औद्योगिक गतिविधियां, खासतौर से प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग बंद रहेंगे । निर्माण संबंधी कार्यों पर भी पाबंदी रहेगी । इसके अलावा प्रशासन जरूरत महसूस होने पर स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद करने का आदेश दे सकता है ।