पाइपलाइन परियोजनाओं में भारत को आत्मनिर्भर बनाना जरूरीः धर्मेंद्र प्रधान
नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने 8 हजार करोड़ रुपए की पाइपलाइन परियोजना की समीक्षा करते हुए आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया और आह्वान किया कि इन परियोजनाओं के पूर्ण स्वदेशीकरण होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गेल के घरेलू बोलीदाताओं से 1 लाख टन स्टील खरीद के लिए एक हजार करोड़ रुपए से अधिक की पाइपलाइन निविदाओं को प्रोसेस किया जाएगा। इससे 800 किमी पाइपलाइन के निर्माण के लिए स्टील की आपूर्ति की जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक यह मात्रा दोगुनी होने उम्मीद है। इससे मेक इन इंडिया की पहल को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहन मिलेगा।
इंडियन ऑयल दक्षिण भारत में 6025 करोड़ रुपये की परियोजना लागत के साथ 1450 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना को लागू कर रही है। इस परियोजना में लगभग 1.65 लाख एमटी स्टील पाइप के उपयोग की क्षमता है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 2060 करोड़ रुपए है। इसके अळावा इन्द्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड पूर्वोत्तर में प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ग्रिड विकसित कर रहा है। इस पाइपलाइन ग्रिड से सभी 8 पूर्वोत्तर राज्यों को प्राकृतिक गैस की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी और उनकी आर्थिक वृद्धि में तेजी आएगी। इससे भारत में गैस आधारित अर्थव्यवस्था को आगे बढाने में मदद मिलेगी। आईजीजीएल जुलाई 2020 तक लगभग 73000 मीट्रिक टन स्टील की खरीद के लिए लगभग 950 करोड़ से अधिक की निविदाओं को प्रोसेस कर रही है। यह प्रक्रिया घरेलू बोलीदाताओं से 550 किलोमीटर लाइन पाइप की स्टील आपूर्ति के लिए है।