नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (हि.स.)। आयकर विभाग ने तमिलनाडु में सिल्क साडि़यों के व्यापार और चिटफंड में शामिल दो व्यावसायिक समूहों के खिलाफ छापेमारी में 250 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता लगाया है। अधिकारियों ने इस मामले में 5 अक्टूबर को कांचीपुरम, वेल्लोर और चेन्नई में 34 ठिकानों पर तलाशी ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने रविवार को यह जानकारी दी।
सीबीडीटी के मुताबिक चिट फंड के व्यापार में शामिल समूह एक अनधिकृत कारोबार चला रहा था। इसने पिछले कुछ वर्षों में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के सभी निवेश और भुगतान पूरी तरह से नकद में किए थे। छापेमारी में 1.35 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 7.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं, जबकि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है।
समूह ने कथित तौर पर कमीशन और लाभांश के माध्यम से बेहिसाब आय अर्जित की थी। सीबीडीटी ने कहा कि व्यावसायिक समूह ने नकद वित्त पोषण से बेहिसाब आय अर्जित कर बेहिसाब निवेश और खर्च किया था। बोर्ड ने कहा कि समूह के सदस्यों के स्वामित्व वाली संपत्तियों में महलनुमा घर और फार्म हाउस शामिल हैं।
रेशम साड़ियों के व्यापार में शामिल समूह के संदर्भ में सीबीडीटी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों के दौरान इसकी बिक्री में कमी के सबूत मिले हैं। सीबीडीटी ने दावा किया है कि एक कस्टमाइज्ड सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के जरिए बिक्री के आंकड़ों में हेराफेरी का पता चला है। बोर्ड के मुताबिक इस तरह के जोड़तोड़ के बाद समूह के सदस्य नियमित रूप से बेहिसाब नकदी निकालते थे, जिसके बाद भूमि और भवनों में बेहिसाब निवेश करते थे।
सीबीडीटी ने बताया कि इस समूह के सदस्य ऐशो-आराम की जीवन शैली पर भारी नकदी खर्च करते थे। वे नकद कर्ज देते थे और चुकाते थे तथा चिट फंड आदि में निवेश करते थे। समूह पर आयकर की छापेमारी में 44 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 9.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं, जबकि इस समूह में अब तक 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की अघोषित आय का पता चला है।