इस्लामाबाद के मदरसे में लगे तालिबानी झंडे को लेकर पुलिस वालों से भिड़े मौलाना

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इस्लामाबाद 19 सितंबर (हि.स.)। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के सफर में बड़ी भूमिका निभाने वाला पाकिस्तान कई मंचों पर तालिबान का समर्थन कर रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान नहीं चाहता कि तालिबान का कोई चिह्न या असर पाकिस्तान में दिखाई दे। एक ताजा मामले में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक मदरसे में लगे तालिबानी झंडा उतारने पुलिस पहुंच गई लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध और मौलाना के भिड़ जाने के बाद पुलिस कौ बैरंग लौटना पड़ा। मौलाना अब्दुल अजीज और मदरसे के छात्र पुलिस से ही भिड़ गये।

इस्लामाबाद के सबसे चर्चित मदरसे जामिया हफ्सा में तालिबान का झंडा फहराया गया था। जब पुलिस ने इस झंडे का विरोध करते हुए एक टीम इसको उतारने के लिए वहां पहुंची तो वहां पुलिस को मौलाना अब्दुल अजीज और मदरसे के छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। मौलाना अब्दुल अजीज पुलिस के सामने खड़े हो गए, जिसके बाद पुलिस टीम झंडें को बिना उतारे ही लौट गई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में अब्दुल अजीज पुलिसकर्मियों को लताड़ते हुए दिखाई देते हैं। मौलाना ने पुलिसकर्मियों को खरी-खोटी सुनाने के साथ ही कहा कि इस्लामाबाद में शरिया कानून लागू करने की उनकी मांग सरकार ने मान ली है। वे पुलिसकर्मियों से इस नौकरी को छोड़ देने को कह रहे हैं। मौलाना धमकी दे रहे हैं कि पाकिस्तान तालिबान आप सभी को सबक सिखाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस को रोकने के लिए बड़ी संख्या में मदरसे की बुर्काधारी छात्राएं छत पर मौजूद थीं।

इस बीच, अब्दुल अजीज के प्रवक्ता ने कहा कि इस्लामाबाद के सहायक आयुक्त और इस्लामाबाद पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जामिया हफ्सा में अब्दुल अजीज के साथ बातचीत की और उन्होंने अपनी मांगों को उनके सामने रखा। इसमें प्रमुख मुद्दा शरिया लागू करवाने का था। मौलाना अब्दुल अजीज ने एक ऑडियो संदेश भी जारी किया था। इस संदेश में अब्दुल अजीज ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य शरीयत को लागू करना है।


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