इराक में मौलवी सदर पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरा, पूर्व पीएम मलिकी भी करीब

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बगदाद, 12 अक्टूबर (हि.स.)। इराक में सोमवार को हुए चुनाव के शुरुआती परिणामों में शिया मुस्लिम धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर की पार्टी सबसे बड़ी विजेता के रूप में उभरी है। सदर प्रवक्ता के अनुसार, संसद में उनके पास सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। शुरुआती नतीजों के अनुसार पूर्व प्रधान मंत्री नूरी अल-मलिकी की शिया पार्टी इसके बाद सबसे बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है।

2003 के अमेरिकी नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद सुन्नी तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाने के बाद से इराक में शिया समूह हावी होते जा रहे हैं। इसके बाद अब शिया बहुमत और कुर्दों को सत्ता में पहुंचा दिया।

रविवार का चुनाव कई महीने पहले 2019 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के जवाब में हुआ है। जिसमें लोगों में राजनीतिक नेताओं के खिलाफ व्यापक गुस्सा देखा गया, जिनके बारे में कई इराकियों का कहना है कि नेताओं ने देश की कीमत पर खुद को समृद्ध किया है।

वर्ष 2003 के बाद रिकॉर्ड कम मतदान से सत्ता सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग से नियंत्रण हासिल करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।

इराक में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में कम मतदान हुआ। महज 41 फीसद मतदान की खबर है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने पहले ही कम मतदान का संकेत दिया था। नेताओं और लोकतांत्रिक प्रणाली में भरोसा घटने से लोगों की भागीदारी कम रही।

वर्ष 2003 में अमेरिकी हमले के बाद इराक में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू हुई। उस समय से अभी तक हुए संसदीय चुनावों में इस बार सबसे कम मतदान हुआ है। 2018 में हुए संसदीय चुनाव में 44 फीसद मतदान हुआ था।


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