सैन्य तनाव के मद्देनजर ईरानी हवाई क्षेत्र से उड़ान नहीं भरेंगे भारतीय विमान
नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते हुए सैन्य तनाव के मद्देनजर भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शनिवार को कहा कि देश की विमान सेवाओं ने फैसला किया है कि वह प्रभावित होने वाले ईरान के वायु क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरने से बचेंगे। यह विमान सेवाएं अपनी उड़ानों के यात्रा मार्ग में उचित परिवर्तन करेंगी।
देश की विमान सेवा एयर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अश्वनी लोहानी ने डीजीसीए के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे उनकी विमान सेवा की उड़ानों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। भारत आने वाली उड़ानों के मार्ग के पुनर्निधारण का काम किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गत 26 फरवरी को बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्यवाही के बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमान सेवाओं के लिए अपने अधिकतर वायु मार्ग बंद कर दिए हैं। इससे उड़ान के लिए अपेक्षाकृत लम्बा रास्ता तय करना पड़ रहा है। खाड़ी क्षेत्र में तनाव के बाद पश्चिमी देशों और भारत एवं दक्षिण एशिया के अन्य देशों के बीच हवाई परिवहन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
खाड़ी क्षेत्र की प्रमुख विमान सेवा एतिहाद ने शनिवार को कहा कि वह ओमान की खाड़ी और हरमूज जल संधि वाले ईरानी वायु क्षेत्र से होकर होने वाली उड़ानों को स्थगित कर रहा है। अबुधाबी आने-जाने वाली विमान उड़ानों के लिए वैकल्पिक हवाई मार्ग चुना जाएगा। इस बीच अमेरिका की प्रमुख विमान कंपनी यूनाइटेड एयरलाइंस ने कहा है कि वह नैवार्क और मुंबई-दिल्ली के बीच अपनी विमान सेवा एक सितंबर तक बंद कर रहा है। पश्चिम एशिया के घटनाक्रम और पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को बंद किए जाने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
अमेरिका के विमानन नियामक संगठन एफएए ने अमेरिका में पंजीकृत विमानों से शुक्रवार को कहा था कि वे तेहरान के नियंत्रण वाले वायु क्षेत्र के ऊपर से उड़ान नहीं भरें। अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर विमान कंपनियों को यह नोटिस जारी किया गया था।