बेगूसराय, 10 जून (हि.स.)। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन का बरौनी रिफायनरी प्रधानमंत्री के संकल्प से सिद्धि लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है। देश में आजादी के बाद बने सबसे पहले और बिहार के एकमात्र रिफाइनरी में लंबे समय से पेट्रोकेमिकल्स स्थापना के चले आ रहे मांग का मार्ग प्रशस्त हो गया है। जल्द ही केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री और इंडियन ऑयल के निदेशक बरौनी रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह जानकारी बुधवार को बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने दी है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि बेगूसराय के लिए अच्छी खबर है। 80 के दशक से पेट्रोकेमिकल्स के लिए घोषणाओं का दौर अब समाप्त हो जाएगा।बरौनी रिफाइनरी पेट्रोकेमिकल परियोजना धरातल पर आ गई है, इसका काम शुरू हो चुका है और पेट्रोलियम मंत्री, निदेशक एवं अन्य द्वारा विधिवत शुरू किया जाएगा। बरौनी रिफाइनरी के कच्चे तेल की शोधन क्षमता को छह से नौ एमएमटीपीए किया जा रहा है।
बीआर-9 परियोजना के अंतर्गत पेट्रोकेमिकल उत्पादन के लिए एक नई पॉलीप्रोपलीन इकाई (पीपी) की स्थापना की जाएगी। बिहार में पेट्रोकेमिकल युग की शुरुआत होगी, पॉलीमर आधारित डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा तथा एमएसएमई विक्रेताओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगी। विस्तार परियोजना पर जोर-शोर से काम चल रहा है। साइट इनेबलिंग कार्य के अलावा हाल ही में नौ एमएमटीपीए क्षमता की एवीयू इकाई के इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण एवं कमीशनिंग का कार्य एलएंडटी हाइड्रोकार्बन इंजीनियरिंग को प्रदान किया गया। इससे क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। रिफाइनरी के क्षमता विस्तार से पड़ोसी देश नेपाल की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने और सामरिक पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने में मदद होगी। रिफाइनरी के बीआर-9 परियोजना में पर्यावरणीय स्थिरता के लिए कई पहल शामिल हैं। मौजूदा आधुनिकतम सल्फर रिकवरी यूनिट (एसआरयू) के अलावा, सांविधिक निर्धारित मानदंडों के अनुरूप प्लांट उत्सर्जन के साथ-साथ उत्पादों से सल्फर को रिकवर करने के लिए एक और नई सल्फर रिकवरी यूनिट स्थापित की जाएगी। परियोजना निष्पादन के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में गहन हरित क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
गिरिराज सिंह ने कहा है कि नई ऊर्जा कुशल, कम ऊर्जा खपत के साथ यह अत्याधुनिक इकाइयां, भारत की तेल आयात निर्भरता को दस प्रतिशत तक कम करने के लिए प्रधानमंत्री के विजन को भी साकार करेगा। कुछ मौजूदा इकाइयों का स्वदेशी तकनीक के आधार पर नवीनीकरण किया जाएगा तथा यह परियोजना मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा देगा। बीआर-9 परियोजना से बिहार के औद्योगिक, सामाजिक एवं आर्थिक विकास को बल मिलेगा। जैसे-जैसे स्थानीय मांग बढ़ेगी, वैट और जीएसटी के रूप में राज्य के खजाने में रिफाइनरी का योगदान उसी अनुपात में बढ़ेगा। निर्माण अवधि के दौरान, निर्माण सामग्री की आमद राज्य के लिए लाभदायक साबित होगी। परियोजना कमीशनिंग के बाद सेंट्रल एक्साइज में बरौनी रिफाइनरी का योगदान दोगुना होने का अनुमान है। विभिन्न अनुबंधों के माध्यम से बड़े कार्यबल की आवश्यकता होगी, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा।