धनतेरस पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर बढ़ा आकर्षण
नई दिल्ली, 2 नवंबर (हि.स.)। धनतेरस से लेकर दीपावली तक के समय को भारत में आमतौर पर निवेश के लिए सबसे सही और शुभ समय माना जाता है। प्राचीन काल से ही भारत में धनतेरस और दीपावली के दिन सोना, चांदी मूल्यवान बर्तन, भू-संपदा और गाड़ियां खरीदने की परंपरा रही है। अब कई भारतीय निवेशक इस मौके पर बिटकॉइन या इसकी जैसी ही दूसरी क्रिप्टो करेंसी में भी निवेश करने लगे हैं।
क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज वजीर-एक्स द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक भारत में साल 2016 से ही धनतेरस और दीपावली के मौके पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने का चलन शुरू हुआ है। पिछले पांच वर्षों के दौरान हर साल धनतेरस और दीपावली के मौके पर बड़ी संख्या में भारतीय निवेशक क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। इसकी वजह से अभी तक परंपरागत तौर पर सोना या चांदी में निवेश करने वाले निवेशकों की बड़ी संख्या क्रिप्टो करेंसी की ओर आकर्षित होने लगी है।
मार्केट एक्सपर्ट सुधीर चंदोलिया के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी मार्केट में निवेश करने की एक बड़ी वजह अभी तक इस फील्ड से मिल रहा शानदार रिटर्न है। अगर क्रिप्टो करेंसी मार्केट से मिलने वाले रिटर्न के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक साल में सबसे ज्यादा 10 हजार,412 फीसदी का रिटर्न डोगेकॉइन (Dogecoin) ने दिया है। रिटर्न देने के मामले में दूसरे नंबर पर कार्डेनो (Cardano) नाम की क्रिप्टोकरंसी रही है, जिसने एक साल में दो हजार, 005 फीसदी का रिटर्न दिया है। इसी तरह एथेरियम (Ethereum) ने एक हजार ,023 फीसदी, रिप्पल (Ripple) ने 361 फीसदी और लाइटकॉइन (Litecoin) ने 299 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) ने एक साल में करीब 360 फीसदी का रिटर्न दिया है।
जानकारों का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी मार्केट से मिल रहा शानदार रिटर्न तेजी से भारतीय निवेशकों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि भारत में अभी तक क्रिप्टो करेंसी पर किसी भी तरह का वैधानिक नियम नहीं बनाया गया है। इसकी वजह से भारतीय निवेशक इसमें स्वतंत्र रूप से खरीद बिक्री कर सकते हैं। यही वजह है कि भारतीय निवेशक सोना और चांदी जैसे परंपरागत निवेश माध्यमों के अलावा अब क्रिप्टो करेंसी में निवेश को भी पसंद करने लगे हैं। इसकी वजह से पिछले एक साल के दौरान भारत में क्रिप्टो करेंसी मार्केट में करीब 900 फीसदी तक का ग्रोथ हो चुका है। वहीं क्रिप्टो करेंसी के ट्रेडिंग वॉल्यूम में भी लगभग 1000 फीसदी का उछाल आ चुका है।
दुनिया भर के कई देशों में इन दिनों क्रिप्टो करेंसी के जरिए खरीदारी और व्यवसाय में भुगतान का चलन शुरू हो गया है। दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क की कंपनी टेस्ला और दूसरे सबसे धनी व्यक्ति जैफ बेजॉस की कंपनी अमेजॉन समेत कई बड़ी कंपनियों ने भी पिछले कुछ सालों के दौरान क्रिप्टो करेंसी में न केवल निवेश किया है, बल्कि उसके जरिए ट्रेडिंग को भी मान्यता दी है। इसकी वजह से दुनियाभर के निवेशकों का क्रिप्टो करेंसी के प्रति उत्साह बढ़ा है।
हालांकि क्रिप्टो करेंसी मार्केट के जानकार निवेशकों को सतर्क होकर अपनी निवेश योजना तैयार करने की सलाह देते हैं। मार्केट एक्सपर्ट संजीत तुलस्यान के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का मार्केट काफी वोलेटाइल है। फिलहाल, इस पर किसी भी देश का कोई नियम कानून लागू नहीं होता है। कुछ देशों में अभी प्राथमिक तौर पर क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन को लेकर विचार विमर्श जरूर किया जा रहा है, लेकिन अभी भी क्रिप्टो करेंसी को हाई रिस्क जोन में ही रखा जाता है।
क्रिप्टो करेंसी मार्केट में हाई वॉलेटिलिटी होने की वजह से कई बार पैसा डूबने का खतरा भी बना रहता है। इसलिए भारतीय निवेशकों को किसी भी क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के पहले उसके पास्ट परफॉर्मेंस पर गंभीरतापूर्वक ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही क्रिप्टो करेंसी निवेश को लेकर होने वाले जोखिमों को भी ध्यान में रखना चाहिए। ऐसा करके ही निवेशक अपने निवेश से सही मायने में फायदा उठा सकते हैं।