अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : मिशन शक्ति अभियान के लिए होंगी सम्मानित शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति अग्रसर शिक्षिकाएं

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झांसी, 07 मार्च (हि.स.)। जिसके पास शिक्षा और स्वास्थ्य है, सही मायनों में वही व्यक्ति तरक्की कर सकता है, यह कहना है जर्बों प्राइमरी स्कूल, बड़ागांव ब्लॉक की प्रधानाध्यापक रानी शर्मा का।
रानी शर्मा वर्ष 2009 में इस प्राइमरी स्कूल में आयी थीं, वह बताती हैं कि तब आलम यह था कि स्कूल में लड़कों की संख्या ज्यादा थी, बस गिनी-चुनी लड़कियां ही स्कूल आ रही थीं। ऐसे में उन्होंने लड़कियों के माता-पिता से बात की और उन्हें विश्वास में लिया। निरंतर प्रयास करने पर अब आलम यह है कि उनके स्कूल में लड़के और लड़कियों का अनुपात लगभग बराबर ही है।
रानी मिशन शक्ति अभियान में सम्मिलित वह अध्यापिका हैं जो किशोरी स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य भी कर रही हैं। रानी शर्मा इस मुहिम में अकेली नहीं हैं बल्कि उनकी सहभागी पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामनगर की सहायक अध्यापक मोनिका सिंह, दिगारा प्राथमिक विद्यालय की अध्यापक मधु पासी, भोजला जूनियर स्कूल की सुनीता सभी साथ में कार्यरत हैं। इन सभी को मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत महिला दिवस पर सम्मानित भी किया जा रहा है।
बाल विवाह के बीच दीवार बनकर कार्य कर रहीं –  मोनिका सिंह
पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामनगर, चिरगाँव ब्लॉक की सहायक अध्यापक मोनिका सिंह बताती हैं  कि ग्रामीण परिवेश में अब  भी लड़कियों की जिम्मेदारी सिर्फ शादी कराना ही रहता है। ऐसे में उनकी शिक्षा और जल्दी शादी हो जाने से उनके स्वास्थ्य पर जो नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, इसके बारें में कोई नहीं सोचता। इस सोच का विरोध करते हुये उन्होंने अपने क्षेत्र में कई बालिकाओं को बाल विवाह से बचाया। मोनिका का मानना है कि बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए उनको पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधि जैसे कि कला, साहित्य, संस्कृति व खेल में भी रुचि रखनी चाहिए। उन्हें जनपद में जहां भी गतिविधियों के बारें में पता चलता है वह अपने स्कूल के बच्चों को वहां प्रतिभाग जरूर कराती हैं। उनके स्कूल के बच्चे न सिर्फ जनपद पर बल्कि राज्य स्तर पर भी पुरस्कार जीत रहे हैं।
चौपाल लगाकर जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करा रही हैं – मधु पासी
मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत बालिका  शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जन – जन की भागीदारी जरूरी है। इसके लिए ही दिगारा प्राथमिक विद्यालय की अध्यापक मधु पासी गांव-गांव चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही हैं। इनके स्कूल को पूर्व जिलाधिकारी की पत्नी ने गोद भी लिया था, जिसके चलते स्कूल में अंग्रेजी माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को बढ़ावा मिला। स्कूल कायाकल्प योजना के पहले सामुदायिक सहभागिता के चलते उनके स्कूल का कायाकल्प हो गया। उनका मानना है कि अब वह समय आ गया  है जब हमें बालिका  शिक्षा, बाल अधिकार, लैंगिक समानता, बाल विवाह जैसे विषयों पर मुखर रूप से आगे बढ़ना होगा।
पावर एंजल बना स्वयं की रक्षा के प्रति प्रेरित कर रहीं – सुनीता
भोजला जूनियर स्कूल की अध्यापक सुनीता बताती हैं कि मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत पावर एंजल बनाकर किशोरियों को उनसे संबन्धित विषयों के बारें में जागरूक किया जा रहा है। किशोरियों के साथ छेड़-छाड़, यौन शोषण जैसी स्थितियां आम सी लगती हैं। ऐसे में किशोरियों को इसके प्रति डटकर खड़े रहने के गुणों के बारें में सुनीता के द्वारा जागरूक किया जा रहा है। वह बताती है कि उनके द्वारा किशोरियों को हर संभव स्थिति के बारें में बताया जा रहा है, जैसे कि गुड टच – बैड टच, सेल्फ सेफिटी, अकेले जाते समय अपने साथ मिर्च पाउडर रखना आदि। किशोरी सुरक्षा से इतर कन्या शिक्षा के लिए भी सुनीता ने बहुत प्रयास किया और इसी का नतीजा है कि अब उनके स्कूल में लड़कों से ज्यादा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।
राज्य स्तर पर ‘राज्यपाल पुरुस्कार’ से सम्मानित हो चुकी हैं – डॉ. सुमन
प्राथमिक विद्यालय कोट, बड़ागांव की अध्यापक डॉ. सुमन गुप्ता न सिर्फ जनपद स्तर पर बल्कि राज्य स्तर पर राज्यपाल पुरुस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। सामुदायिक सहभागिता के चलते सुमन ने अपने स्कूल का कायाकल्प ही कर दिया। सिर्फ रंग रूप से नहीं बल्कि शैक्षिक गुणवत्ता में भी बदलाव आया। स्कूल में टॉयलेट का न होने को भी डॉ. सुमन ने दूर किया। उनके स्कूल में साफ सुथरे टॉयलेट भी हैं। डॉ. सुमन के प्रयासों के चलते उन्हें वर्ष 2017-18 में जिला स्तर पर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार, वर्ष 2018-19 में राज्य स्तर से उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार, वर्ष 2019-20 राज्यपाल से अध्यापक पुरस्कार मिल चुका है।

 


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