नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। कई देशों की लम्बी यात्रा पर निकले भारत के जलपोत आईएनएस तबर का फ्रांस के पोर्ट ऑफ ब्रेस्ट पहुंचने पर फ़्रांसीसी नौसेना के सेरेमोनियल गार्ड ने स्वागत किया। भारतीय रक्षा सलाहकार के साथ जहाज के कैप्टन कमांडिंग ऑफिसर महेश मंगीपुडी ने अटलांटिक मैरीटाइम रीजन के कमांडर वाइस एडमिरल ओलिवियर लेबास के साथ प्रीफेक्चर मैरीटाइम फोर्ट, मुख्यालय में मुलाकात की।
फ्रांस और मोनाको में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने जहाज का दौरा किया और भारत की समुद्री सुरक्षा और मित्र देशों के साथ रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने में उनके योगदान के लिए जहाज के चालक दल की सराहना की। नौसेना के रीति-रिवाजों के अनुसार बैस्टिल दिवस (फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस) पर जहाज ने समग्र रूप से कपड़े पहने। बंदरगाह से प्रस्थान करने पर आईएनएस तबर फ्रांसीसी नौसेना के युद्धपोत एफएनएस एक्विटाइन के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास में भाग लेगा।
इससे पहले आईएनएस तबर ने इटली के नेपल्स बंदरगाह में कई दिन बिताये थे। बंदरगाह से लौटने पर इस पोत ने 04-05 जुलाई 2021 को इटली नौसेना की अग्रिम फ्रिगेट आईटीएस एंटोनियो मार्सेग्लिया एफ-597 के साथ समुद्री साझेदारी करते हुए युद्धाभ्यास भी किया। इस अभ्यास में रात और दिन में एयर डिफेंस प्रक्रियाओं, समुद्र में पुनःपूर्ति, संचार अभ्यास और क्रॉस डेक हेलो अभियानों समेत नौसैनिक अभियानों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी। यह अभ्यास पारस्परिक रूप से अंतरसंचालनीयता बढ़ाने और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त अभियानों को मजबूत करने की दिशा में लाभप्रद था। नौसेना के रिवाज के अनुसार दोनों जहाजों की ‘स्टीम पास्ट’ के साथ इस अभ्यास का समापन हुआ था।
लम्बी यात्रा पर निकले भारत के जलपोत आईएनएस तबर ने भूमध्य सागर में ग्रीक और मिस्र की नौसेनाओं के साथ अभ्यास किया है। हेलेनिक (ग्रीक) नेवी के फ्रिगेट एचएस थेमिस्टोकलिस और मिस्र के जहाज तौशका के साथ वायु रक्षा के साथ कई और तरह के समुद्री अभ्यास किए गए। भारत और मिस्र के बीच संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से सद्भावना यात्रा के तहत आईएनएस तबर 29 जून को दो दिनों के लिए अलेक्जेंड्रिया पहुंचा था।
आईएनएस तबर 13 जून को सद्भावना यात्रा पर भारत से निकला है। इस दौरान जलपोत तबर कई मित्र देशों की नौसेनाओं के साथ संयुक्त अभ्यास में शामिल हो रहा है। यात्रा के दौरान आईएनएस तबर अदन की खाड़ी, लाल सागर, स्वेज नहर, भूमध्य सागर और बाल्टिक सागर से होकर गुजरेगा।