चंडीगढ़, 24 अक्टूबर ( हि.स.) । हरियाणा के चुनाव परिणाम में किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद प्रदेश की राजनीति में अब जोड़तोड़ का खेल शुरू हो गया है। चुनाव परिणाम के तुरंत बाद ही यह खेल शुरू हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस ने जहां जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायकों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं वहीं पर्दे के पीछे होने वाला खेल भी इसके साथ ही शुरू हो गया है।
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए भाजपा व कांग्रेस दोनों को ही विधायकों का बहुमत जुटाना पड़ेगा। इसके लिए जोड़तोड़ शुरू हो गया है। भाजपा ने जहां एनडीए के सबसे वरिष्ठ नेता पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से आग्रह किया है कि वह दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला को भाजपा को समर्थन देने के लिए राजी करें वहीं कांग्रेस की तरफ से इस मामले में पहल करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा को छोडक़र सभी राजनीतिक दलों के विधायकों को आह्वान किया है कि भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए सभी एकजुट होकर महागठबंधन के बैनर तले नई सरकार का गठन करें।
हुड्डा ने इनेलो, जजपा, हलोपा व निर्दलीय विधायकों को एकजुट होने का आह्वान किया है। हालांकि जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने कोई भी राजनीतिक फैसला लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली में सभी विधायकों की बैठक बुला ली है। इस बैठक में कांग्रेस या भाजपा को समर्थन देने के संबंध में फैसला किया जाएगा।
इसी दौरान इनेलो नेता एवं ऐलनाबाद से विधायक बने चौधरी अभय सिंह चौटाला ने हुड्डा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि इनेलो कभी भी कांग्रेस का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने षड्यंत्र के तहत इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और अजय सिंह चौटाला को जेल की सजा करवाई थी। जिस पार्टी ने इस प्रकार का षड्यंत्र करते हुए उसके शीर्ष नेताओं को झूठे केस में फंसाकर सजा दिलवाई हो, उसे इनेलो एवं उसके कार्यकर्ता कभी भी माफ नहीं कर सकते।