नई दिल्ली/वाशिंगटन, 18 दिसम्बर (हि.स.)। भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस विदेशी कामगारों के साथ दुर्व्यवहार और कर धोखाधड़ी के आरोपों को निपटाने के लिए 8,00,000 डॉलर (लगभग 5.6 करोड़ रुपये) का भुगतान करने पर सहमत हो गई है।
इंफोसिस ने बुधवार को भारतीय शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि वह कैलिफोर्निया अटॉर्नी जनरल के साथ समझौते पर पहुंच गई है। वह 13 साल से ज्यादा पुराने आरोपों पर समय , खर्च और लंबी मुकदमेबाजी से बचने के लिए समझौता करेगी। समझौते से मामला खारिज हो जाएगा। कंपनी सभी नियमों और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए मजबूत नीतियों और प्रक्रिया का पालन करती है।
इससे पहले कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल जेवियर बेसेरा ने कहा कि इंफोसिस अपने ऊपर लगे आरोपों को निपटाने के लिए आठ लाख डॉलर का भुगतान करेगी। आरोपों में कहा गया था कि 2006 से 2017 के बीच कंपनी के करीब 500 कर्मचारी एच -1 बी वीजा की जगह बी -1 वीजा पर राज्य में काम कर रहे थे। इस गलत वर्गीकरण के चलते इंफोसिस कैलिफोर्निया पेरोल करों का भुगतान करने से बच गई। इसमें बेरोजगारी बीमा , विकलांगता बीमा और रोजगार प्रशिक्षिण कर शामिल हैं।
अटॉर्नी जनरल बेसेरा ने कहा कि इंफोसिस ने कर्मचारियों को कम भुगतान करने और करों से बचने के लिए उन्हें गलत वीजा पर लाया गया। हालांकि इंफोसिस इन आरोपों का खंडन कर चुकी है। वह यह भी कह चुकी है कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया।