कल वायुसेना में शामिल होगा फाइटर जेट राफेल

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अंबाला में मेगा शो​​, देशी-विदेशी मेहमान भव्य कार्यक्रम के गवाह बनेंगे   पारंपरिक सर्व धर्म पूजा होगी, वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा  शानदार हवाई नजारे भी दिखायेगा राफेल लड़ाकू विमान   



नई दिल्ली, 09 सितम्बर (हि.स.)। फ्रांस से आया अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल गुरुवार को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल हो जाएगा। इसके लिए अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में एक मेगा समारोह आयोजित होगा। इन्हें वायुसेना में शामिल करने से पहले पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की जाएगी। राफेल लड़ाकू विमान इस मौके पर तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम के साथ आसमान में उड़ान भरकर शानदार हवाई नजारे प्रस्तुत करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली और भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारी मौजूदगी में राफेल वायुसेना को सौंपा जाएगा।
इस अहम मौके का गवाह बनने के लिए कई हस्तियां अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच रही हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस की सशस्त्र सेनाओं की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहेंगे। अधिकारियों के मुताबिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली गुरुवार सुबह तक अंबाला पहुंचेंगी और कार्यक्रम में शामिल होने के बाद शाम को यहां से रवाना हो जाएंगी। समारोह में रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीआरडीओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी के साथ रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बल के वरिष्ठ अधिकारी भी भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक बहुत महत्वपूर्ण मील का पत्थर चिह्नित करने के लिए शामिल होंगे।
कार्यक्रम में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैन्युअल लेनैन, एयर जनरल एरिक एटुलेट, फ्रांस के वाइस चीफ ऑफ एयर स्टाफ और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी कार्यक्रम में शामिल होगा, जिसमें राफेल जेट बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एरिक ट्रैपियर अध्यक्ष और एमबीआरए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर शामिल होंगे। फ्रांस की सशस्त्र सेनाओं की मंत्री फ्लोरेंस पार्ली को दिल्ली आगमन पर औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
​17वें स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का हिस्सा बनेगा राफेल   ​
अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल को वायुसेना में शामिल करने से पहले पारंपरिक सर्व धर्म पूजा की जाएगी। इसके बाद राफेल लड़ाकू विमान, तेजस एयरक्राफ्ट और सारंग एयरोबेटिक टीम आसमान में उड़ान भरेगा और शानदार एयर डिस्पले प्रस्तुत करेगा। इसके बाद राफेल लड़ाकू विमानों को ​​पारंपरिक वाटर कैनन सैल्यूट दिया जाएगा। इसी के साथ राफेल लड़ाकू विमान वायुसेना की गौरवशाली टीम का हिस्सा बन जाएगा। ​​इस कार्यक्रम के बाद फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के साथ राजनाथ सिंह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों और सुरक्षा सहयोग को और मजबूती देने के लिए अंबाला में ही चर्चा करेंगे।
नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 59 हजार करोड़ रुपये की डील हुई थी। इसके करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था।समझौते के तहत भारत को अब तक 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है, जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं। इन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे और छह ट्रेनर होंगे। ट्रेनर विमान ट्विन-सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी। राफेल जेट का पहली स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ अंबाला हवाई अड्डे पर बनाई गई है जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासिमारा बेस पर होगी।
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