भारत-कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच सैन्य अभ्यास ‘काजिन्द-21’ खत्म

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दोनों देशों की सेनाओं के बीच 12 दिन चले संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास ने द्विपक्षीय संबंधों को दी मजबूती

 शहरी परिदृश्य में काउंटर इंसर्जेंसी, काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस पर केंद्रित था संयुक्त सैन्य अभ्यास



नई दिल्ली, 11 सितम्बर (हि.स.)। भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने और सैन्य कूटनीति के एक हिस्से के रूप में 12 दिनों से चल रहा सैन्य अभ्यास ‘काजिन्द-21’ शुक्रवार को खत्म हो गया। इंडो-कजाखस्तान संयुक्त अभ्यास का 5वां संस्करण प्रशिक्षण नोड आयशा बीबी, कजाकिस्तान में 31 अगस्त को शुरू हुआ था। दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुए इस संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास से भारत और कजाकिस्तान के साथ बढ़ रहे रणनीतिक और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

यह प्रशिक्षण शहरी परिदृश्य में काउंटर इंसर्जेंसी, काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस के साथ-साथ हथियारों पर कौशल पर विशेषज्ञता साझा करने पर केंद्रित था। इस अभ्यास ने दोनों सेनाओं के सैनिकों को हमेशा के लिए पेशेवर और सामाजिक बंधन को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान किया। इस संयुक्त सैन्य अभ्यास में कजाकिस्तान के 120 और भारतीय सेना की बिहार रेजिमेंट के 90 सैनिक शामिल हुए। दोनों सेनाओं ने आतंकवाद विरोधी अभियानों के क्षेत्र में अपनी-अपनी विशेषज्ञता और कौशल एक-दूसरे से साझा किया। दोनों सेनाओं ने 48 घंटों के दीर्घकालीन अभ्यास के दौरान आतंकवादी समूहों पर अपनी युद्ध शक्ति और प्रभुत्व का प्रदर्शन करते हुए संयुक्त अभ्यास का समापन किया, जिसमें आतंकवादियों के अर्धग्रामीण ठिकाने को नष्ट करने का परिदृश्य शामिल किया गया।

समापन समारोह में दोनों राष्ट्रों के अद्वितीय पारंपरिक स्पर्श के साथ अपार प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया। सत्यापन अभ्यास दोनों सेनाओं के सैनिकों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा क्योंकि वे ऐसे परिदृश्यों में वास्तविक संचालन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों ने अभ्यास के पेशेवर आचरण के प्रति अपनी संतुष्टि और प्रशंसा व्यक्त की। अभ्यास के दौरान उत्पन्न सौहार्द, एस्प्रिट-डी-कॉर्प्स और सद्भावना भविष्य में दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संबंधों को मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच लगातार बढ़ते सैन्य और राजनयिक संबंधों को गति प्रदान करेगा। यह संयुक्त अभ्यास आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दोनों देशों के मजबूत संकल्प को दर्शाने के साथ ही कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की इच्छा को भी दर्शाता है।

इस सैन्य अभ्यास ने भारत और कजाकिस्तान के सशस्त्र बलों को पहाड़ी, ग्रामीण क्षेत्रों में उग्रवाद और आतंकवाद निरोधी अभियानों में दक्ष करने का एक अवसर प्रदान किया। इस संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं के बीच पेशेवर रणनीतिक कौशल, उप इकाई स्तर पर आतंकवाद विरोधी माहौल में अभियानों की योजना और उनके क्रियान्वयन, हथियार चलाने संबंधी कौशल और आतंकवाद तथा उग्रवाद संबंधी अभियानों के अनुभवों को साझा किया गया। अभ्यास का चौथा संस्करण सितम्बर, 2019 में भारत के पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) में आयोजित किया गया था।


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