भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने हर्षिल वैली ब्रिज के एबटमेंट पर दरारें

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जिला प्रशासन ने भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया



उत्तरकाशी, 15 जुलाई (हि.स.)। भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बने हर्षिल वैली ब्रिज के एबसटमेंट पर दरारें आ गई हैं। यह ब्रिज हर्षिल गंगा (भागीरथी) नदी पर बना है। जिला प्रशासन ने मंगलवार देररात यहां भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। यह ब्रिज करीब 20 मीटर लंबा है। भटवाड़ी के उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने बुधवार को इसकी पुष्टि की।

उप जिलाधिकारी नेगी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग को पुल की मरम्मत का आदेश दिया गया है। इस ब्रिज को मुखबा, जाड़ समुदाय के बगोरी गांव और हर्षिल में सेना के छावनी क्षेत्र की लाइफ लाइन माना जाता है। हर्षिल घाटी के अन्य पांच गांव के लोग इस ब्रिज का प्रयोग करते हैं।

हर्षिल के ग्राम प्रधान दिनेश रावत और गंगोत्री धाम के पुरोहित प्रेमकांत सेमवाल का कहना है कि कुछ माह पूर्व वर्ल्ड बैंक ने नए मोटर पुल के निर्माण के लिए हर्षिल वैली ब्रिज के एबटमेंट के पास नींव के लिए गड्डा खुदवाया है। बरसात में भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने और खोदे गए गड्ढे में पानी भरने के कारण हर्षिल वैली ब्रिज के एबटमेंट के नीचे कटाव होने के कारण दरारें आई हैं। इन लोगों का कहना है कि इस संबंध में वर्ल्ड बैंक के अधिकारियों को 15 दिन पहले सूचित किया गया था कि यहां पर निर्माण कार्य से हर्षिल वैली ब्रिज को भी खतरा हो सकता है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी और अब ब्रिज के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।


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