पर्यटन उद्योग को 2022 तक 50 अरब डॉलर के राजस्व का लक्ष्य बनाना चाहिए: अमिताभ कांत

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कांत ने कहा कि पर्यटन से भारत की कुल कमाई 2018 में लगभग 28.6 अरब अमरीकी डॉलर थी।



नई दिल्ली, 19 दिसम्बर (हि.स.)। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने गुरुवार को कहा कि भारत में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं है। वर्ष  2022 तक इस क्षेत्र को 50 अरब अमरीकी डॉलर के राजस्व तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र का अर्थव्यवस्था में व्यापक गुणक प्रभाव है और यह विकास और रोजगार के सबसे बड़े वाहक में  से एक है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के पन्द्रहवें वार्षिक पर्यटन शिखर सम्मेलन 2019′ में बोलते हुए, अमिताभ कांत ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास के सबसे बड़े ड्राइवरों में से एक हो सकता है। क्योंकि पयर्टकों की संख्या रोजगार के अवसर पैदा करती है। इसका अर्थव्यवस्था में व्यापक गुणक प्रभाव है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन पर इसका प्रभाव अनौपचारिक रूप से है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो नौकरियों का सृजन कर सकता है और भारत को नौकरियों की आवश्यकता है।
कांत ने कहा कि पर्यटन से भारत की कुल कमाई 2018 में लगभग 28.6 अरब अमरीकी डॉलर थी। हमें 2022 तक इसका लक्ष्य 50 अरब अमरीकी डॉलर तक ले जाना है। उऩ्होंने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से राजस्व के मामले में, भारत में कुल वैश्विक आय का केवल 1.97 प्रतिशत हिस्सा है। पर्यटक आगमन (लोगों की संख्या) के संदर्भ में, यह केवल 1.2 प्रतिशत है जो भारत जैसे विशाल देश के लिए बहुत मामूली है। इसलिए हमें इसे 1.2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत तक ले जाने की आवश्यकता है ताकि हम 2022 तक पर्यटन राजस्व लक्ष्य 50 अरब डॉलर तक पहुंच सके।
कांत ने कहा कि केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कमरे के टैरिफ के लिए जीएसटी दरों को कम किया है। होटल के कमरे पर प्रति रात 7,500 रुपये तक टैरिफ वाले जीएसटी (माल और सेवा कर) की दर मौजूदा 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक कर दी गई है। इसी तरह 7,500 रुपये से अधिक टैरिफ वाले कमरों का कर मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, 1,000 रुपये प्रति रात से कम टैरिफ वाले कमरों पर कोई जीएसटी नहीं लग रही है।
कांत ने कहा कि पर्यटन निजी क्षेत्र की गतिविधि है। इसमें पर्यटक ऑपरेटर, ट्रैवल एजेंट, टूरिस्ट गाइड, कैब ऑपरेटर, रिसॉर्ट्स से होटल तक, हर चीज का संचालन निजी क्षेत्रों द्वारा ज्यादातर किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार एक उत्प्रेरक के रूप में इसमें कार्य कर सकती है। उद्योग निकाय सीआईआई से उद्योग और राज्य सरकारों के साथ काम करने और पर्यटन उद्योग के लिए एक सार्वजनिक निजी साझेदारी की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
सीआईआई के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन क्षेत्र देश के लिए तीसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा अर्जक है। इसने कुल रोजगार का 8.1 प्रतिशत देते हुए 4.2 करोड़ से अधिक नौकरियों का समर्थन किया है।
इस मौके पर आईटीसी होटल-वेल्कम होटल्स और सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी के अध्यक्ष दीपक हक्सर ने कहा कि भारतीय पर्यटन क्षेत्र आर्थिक विकास के प्रमुख ड्राइवरों में से एक के रूप में उभरा है। अक्सर ने कहा कि भारत के लिए हमारा रणनीतिक इरादा 2024 तक अपने पर्यटक आगमन को 10 से 20 मिलियन तक दोगुना करने का है।
पर्यटन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में 2014 से 2018 के दौरान 13 लाख नौकरियां सृजित की गईं। सरकार ने देश में विदेशी आवक को बढ़ावा देने के लिए वीजा और ई-वीजा प्रणाली को भी तर्कसंगत बनाया है। हालांकि, उन्होंने बताया कि भारत में पर्यटक गाइड के संबंध में एक बड़ी चुनौती है और सरकार उनके प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए प्रयास कर रही है।

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