तीसरी तिमाही में देश के विनिर्माण क्षेत्र में सुधार : पीएमआई सर्वेक्षण

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सर्वेक्षण के मुताबिक, जुलाई के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ रहे नए आदेशों के साथ, कंपनियों ने उत्पादन में वृद्धि की और नए लोगों की भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है।



नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के सर्वेक्षण के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही में कारखानों के नए ऑर्डर और उत्पादन में तेजी से देश विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार के साथ ही रोजगार के मोर्चे पर भी सुधार हुआ है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, जुलाई के बाद से सबसे तेज गति से बढ़ रहे नए आदेशों के साथ, कंपनियों ने उत्पादन में वृद्धि की और नए लोगों की भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू किया है। इनपुट खरीद में नए सिरे से बदलाव भी हुआ। सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिसम्बर में परिचालन गतिविधियों में सुधार के बावजूद कंपनियां 2020 के वार्षिक परिदृश्य को लेकर सतर्कता बरत रही है। इससे रोजगार सृजन और निवेश पर असर पड़ सकता है। आईएचएस मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) दिसम्बर में बढ़कर 52.7 रहा, जो नवम्बर में 51.2 पर था।
आईएचएस मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पोलियाना डी लीमा ने कहा कि भारत में कारखानों ने मांग में सुधार का लाभ उठाया है और मई के बाद सबसे तेजी से उत्पादन को बढ़ाया है। दिसम्बर में रोजगार और खरीद के मोर्चे पर भी नए सिरे से बढ़ोतरी हई है। सर्वेक्षण के मुताबिक, नए कारोबारी ऑर्डर विनिर्माण क्षेत्र की हालत में सुधार को दर्शाते हैं।
डी लीमा ने कहा कि नए कारोबारी ऑर्डर जुलाई के बाद सबसे तेज गति से बढ़े हैं। इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर अधिक मांग से कुल बिक्री बढ़ी है। नए निर्यात ऑर्डर में लगातार 26वें महीने वृद्धि हुई है। लेकिन वह बहुत ही मामूली हैं। विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई लगातार 29 वें महीने 50 अंक से ऊपर है। सूचकांक का 50 से ऊपर होना विस्तार का सूचक है जबकि 50 से नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है। हालांकि, लीमा ने कहा कि सर्वेक्षण में कारोबारी विश्वास के मोर्चे पर कुछ सतर्कता दिखाई दी दे रही है।
लीमा ने कहा कि मई के बाद से उत्पादन में वृद्धि से फैक्टरियों को लाभ हुआ और उत्पादन को सबसे बड़ी सीमा तक बढ़ाया गया है। दिसम्बर में इनपुट खरीद और रोजगार में भी बढ़ोतरी हुई। सर्वे के मुताबिक साल 2019 के अंत में कारोबार को लेकर कंपनियों का आत्मविश्वास करीब तीन साल में सबसे निचले स्तर पर रहा। यह बाजार स्थितियों को लेकर उपजी चिंताओं को दर्शाता है। इससे 2020 के शुरू में निवेश और रोजगार सृजन में कुछ अड़चनें आ सकती हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, आगामी 12 महीनों में उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि आईएचएस मार्केट दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को चलाने वाले प्रमुख उद्योगों और बाजारों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी, विश्लेषण और समाधान की अग्रणी कंपनी है।कंपनी व्यवसाय, वित्त और सरकार में ग्राहकों को अगली पीढ़ी की जानकारी, विश्लेषण और समाधान प्रदान करती है।

 


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