अर्थव्‍यवस्‍था की हालत और चिंताजनक, राहत पैकेज बढ़ाए सरकार: रघुराम राजन

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नई दिल्‍ली, 07 सितम्‍बर (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि कोविड-19 के संक्रमण की वजह से अर्थव्‍यवस्‍था को बहुत नुकासान हो रहा है। इसकी चिंता पूरे देश को हो रही है। इसी कड़ी में रघुराम राजन ने सोमवार को अपने लिंक्डइन पेज पर एक पोस्ट में लिखा है, जिसमें उनका कहना है कि देश की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से सभी को सर्तक हो जाना चाहिए।

राजन ने अपने लिंक्‍डइन पोस्‍ट में लिखा है कि जब इनफॉर्मल सेक्टर के आंकड़े जोड़े जाएंगे तो अर्थव्‍यवस्‍था में 23.9 फीसदी की गिरावट और बदतर हो सकती है। राजन का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को अमेरिका और इटली से ज्यादा नुकसान हुआ है। ज्ञात हो कि ये दोनों ही देश कोरोना वायरस की महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे है।

रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि सरकार भविष्य में प्रोत्साहन पैकेज देने के लिए वर्तमान में संसाधनों को बचाने की रणनीति पर चल रही है जो आत्मघाती है। वहीं, सरकारी अधिकारी सोच रहे हैं कि कोविड-19 पर काबू पा लेने के बाद राहत पैकेज देंगे। वे हालात की गंभीरता को कमतर आंक रहे हैं। यदि ऐसे चलता रहा तो अर्थव्‍यवस्‍था को बहुत नुकसान हो जाएगा।

रघुराम राजन का कहना है कि यद‍ि आप अर्थव्‍यवस्‍था को एक मरीज की तरह देखें तो उसे लगातार इलाज की आवश्‍यकता है। राजन ने कहा कि ‘राहत के बिना लोग खाना छोड़ देंगे, वे बच्चों को स्कूल से निकाल देंगे और उन्हें काम करने या भीख मांगने के लिए भेज देंगे, यही ही नहीं कर्ज लेने के लिए अपना सोना तक गिरवी रख देंगे, ईएमआई और मकान का किराया बढ़ता जाएगा।

आरबीआई के पूर्व गवर्नर का कहना है कि इसी तरह राहत के अभाव में छोटी और मझोली कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगी। कंपनियों का कर्ज बढ़ता जाएगा और अंत में वे बंद हो जाएंगी। क्‍योंकि जब तक वायरस पर काबू होगा, तब तक अर्थव्‍यवस्‍था बर्बाद हो जाएगी।’ राजन ने कहा कि सरकार को संसाधनों को बढ़ाने के साथ सही से खर्च करने की जरूरत है।

 


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