आखिरकार रेलवे ने वापस ली ट्रेनों में मसाज की सुविधा योजना

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इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि महिला पैसेंजर्स की उपस्थिति में पुरुष यात्रियों  को मसाज सेवा मुहैया कराना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। 



नई दिल्ली, 16 जून (हि.स.)। आखिरकार विरोध के बाद रेलवे ने ट्रेनों में पैसेंजर्स के लिए मसाज सेवा देने की अपनी योजना को शनिवार को रद्द कर दिया। इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुमित्रा महाजन और सांसद शंकर लालवानी ने केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी। रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों के यात्रियों को सिर, गर्दन और पैरों की मालिश की सुविधा प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है।
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि महिला पैसेंजर्स की उपस्थिति में पुरुष यात्रियों  को मसाज सेवा मुहैया कराना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
विरोध के चलते रेलवे ने वापस लिया फैसला
रेलवे की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इंदौर से शुरू चलने वाली ट्रेनों में मसाज सेवाओं को प्रस्ताव पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल द्वारा शुरू किया गया था। जैसे ही यह प्रस्ताव पश्चिम रेलवे के उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया यह प्रस्ताव वापस लेने का फैसला किया गया।
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने इंदौर से चलने वाली 39 ट्रेनों में पैसेंजर्स को मालिश की सुविधा देने का प्रस्ताव तैयार किया था। रतलाम के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) आरएन सोनकर ने स्पष्ट किया था कि चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच प्रस्तावित सेवा के तहत पैसेंजर्स  के पूरे शरीर की नहीं बल्कि सिर और पैर जैसे अंगों की मालिश की जाएगी। इस सेवा के बदले पैसेंजर्स से 100, 200 और 300 रुपये की तीन अलग-अलग श्रेणियों में शुल्क तय किया गया था।


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