नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। अमेरिका से पहले बैच में मिलने वाले तीन मल्टी मिशन एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों का प्रशिक्षण लेने के लिए जल्द ही भारतीय नौसेना की एक टीम अमेरिका जाएगी। ये हेलीकॉप्टर मिलने पर हिन्द महासागर क्षेत्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में नौसेना की ताकत बढ़ेगी। यह हेलीकॉप्टर मल्टी मोड रडार और नाइट विज़न डिवाइस के साथ-साथ हेलफायर मिसाइलों, एमके-54 टॉरपीडो और सटीक मार वाले रॉकेटों से लैस होंगे।
पिछले साल फरवरी में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत की यात्रा पर आए थे तो एक डील फाइनल हुई थी। इस डील के तहत अमेरिका भारत को 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टर देगा, जिसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना करेगी। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लिए 6 एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टरों का भी सौदा 80 करोड़ डॉलर में हुआ था। एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर वाली डील 2.6 अरब डॉलर की है। इसमें पहले बैच में तीन हेलीकॉप्टर इस साल के अंत तक मिलेंगे। भारतीय नौसेना को मिलने वाले सभी 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य सहित सीमावर्ती युद्धपोतों से संचालित होंगे। इन्हें 2023 या अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टरों का प्रशिक्षण लेने के लिए पायलटों और तकनीशियनों की टीम मई-जून में अमेरिका जाने वाली है। नौसेना को 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर मिलने के बाद भी 123 मल्टी रोल हेलीकॉप्टरों की जरूरत है लेकिन यह प्रस्तावित ’मेक इन इंडिया’ परियोजना अभी भी सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। रोमियो हेलीकॉप्टर पुराने सी किंग 42/42A हेलीकाप्टरों की जगह लेंगे, जो 1990 के दशक में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद 24 हेलिकॉप्टरों का सौदा 2005 में शुरू हुआ था। अमेरिकी कंपनी सिकोरस्की-लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर से पहले भारतीय वायुसेना बोइंग कंपनी के 22 अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और 15 हेवी-लिफ्ट चिनूक हेलिकॉप्टर अपने बेड़े में शामिल किया है।