नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। भारतीय नौसेना संदिग्ध नौकाओं और समुद्री डाकुओं को चेतावनी देने और रोकने के लिए गैर घातक हथियार के रूप में ‘लेजर डैजलर‘ खरीद रही है। नौसेना ने 20 लाइट एम्प्लीफिकेशन की आपूर्ति के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) से अनुबंध किया है। यह अनूठा उत्पाद पहली बार सशस्त्र बलों के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है, जो सरकार के आत्म-निर्भर भारत की पहल का भी समर्थन करेगा।
लेजर डैजलर का उपयोग दिन और रात दोनों के दौरान सुरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश के लिए आने वाले संदिग्ध वाहनों, नावों, हवाई जहाजों, यूएवी, समुद्री डाकुओं आदि को चेताने और रोकने के लिए एक गैर-घातक प्रणाली के तौर पर किया जाता है। आदेशों का पालन न करने की स्थिति में यह अपनी तीव्र चमक के माध्यम से ऑप्टिकल सेंसर गतिविधि को रोकने में सक्षम है। इसकी तीव्र चमक से प्रभावित व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए दिखाई देना बंद हो जाता है। यह अपनी तीव्र चमक से विमान, यूएवी को भी विचलित कर देता है। यह आसानी से ले जाने में सक्षम है, इसलिए इसका इस्तेमाल खराब मौसम की स्थिति में सैनिक के कंधे पर रखकर भी किया जा सकता है। लेजर डैजलर तकनीक को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।